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सरहद की सुरक्षा: 13 साल बाद फिर खुलेंगी इंटेलीजेंस चौकियां, ना'पाक' साजिश होगी नाकाम

सरहद पर पाकिस्तान की नापाक साजिश बेनकाब करने के लिए राज्य में बंद पड़ी इंटेलीजेंस चौकियां फिर से शुरू होने जा रही है. बॉर्डर पर करीब 13 साल पहले बंद की गई इंटेलीजेंस की चौकियों पुन: शुरू होगी. चौकियां शुरू करने पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहमति बन गई है.

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सरहद की सुरक्षा: 13 साल बाद फिर खुलेंगी इंटेलीजेंस चौकियां, ना'पाक' साजिश होगी नाकाम
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Vishnu Sharma Jaipur|Updated: Oct 03, 2022, 07:12 PM IST

जयपुर: सरहद पर पाकिस्तान की नापाक साजिश बेनकाब करने के लिए राज्य में बंद पड़ी इंटेलीजेंस चौकियां फिर से शुरू होने जा रही है. बॉर्डर पर करीब 13 साल पहले बंद की गई इंटेलीजेंस की चौकियों पुन: शुरू होगी. चौकियां शुरू करने पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहमति बन गई है. इधर राजस्थान पुलिस के साथ ही बीएसएफ भी लम्बे समय से इन चौकियों को शुरू करने की मांग कर रहा था. राजस्थान की पाकिस्तान से 3323 किलोमीटर लम्बी बॉर्डर लगती है. बॉर्डर पर अवांछनीय गतिविधियों की सूचना एकत्र करने के लिए बॉर्डर इंटेलीजेंस की चौकियां स्थापित की गई थी.

 

बॉर्डर क्षेत्र के चार जिलों जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बाडमेर और बीकानेर में करीब 57 चौकियां स्थापित की गई थी. इस दौरान सीमा पार से गतिविधियां कुछ कम हुई तो इनमें से 33 चौकियां बंद कर दी गई. इनमें से 24 चौकियों को वर्ष 2009 में बंद कर दिया गया.

इधर पिछले कुछ सालों बॉर्डर पार से फिर तस्करी,जासूसी व अन्य हरकतें बढ़ी तो राजस्थान पुलिस और बीएसएफ को बॉर्डर इंटेलीजेंस की इन चौकियाें की याद आई. इसके बाद इनमें से 24 चौकियों को दोबारा शुरू करने के लिए वर्ष 2017 से लगातार केंद्र सरकार से सम्पर्क शुरू किया गया.

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गृहमंत्रालय ने पत्र लिखकर शुरू करने का दिया निर्देश

हालांकि, पांच साल तक यह प्रस्ताव कागजों में इधर से उधर घूमता रहा. इधर हाल ही गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर बंद की गई बॉर्डर इंटेलीजेंस की चौकियों को पुन: स्थापित करने की सहमति दे दी है.

- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2016 में राजस्थान से लगती बॉर्डर का दौरा किया था

- बैठक के दौरान बंद की गई बॉर्डर इंटेलीजेंस की चौकियाें का मामला उठा था
 

- इसके बाद एक मार्च 2017 को पीएचक्यू से बॉर्डर इंटेलीजेंस की बंद पड़ी चौकियों का प्रस्ताव भेजा गया था

- गृह विभाग ने स्वीकृति के लिए प्रस्ताव गृहमंत्रालय को भेजा था

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- गृहमंत्रालय ने 16 अगस्त 2018 को चौकियों के सम्बंध में आवश्यक सूचना मांगी थी

- इसके बाद गृह विभाग ने 26 दिसम्बर 2018 एवं 19 मार्च 2020 के द्वारा सूचनाएं भेज दीं

- इधर कई बार पत्र लिखने के बाद भी गृहमंत्रालय का जवाब या स्वीकृति नहीं आ रही थी.

- बताया जा रहा है पिछले दिनों राजस्थान सिंह जैसलमेर आए थे तब यह मामला उठा

- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने भी बॉर्डर पर इंटेलीजेंस चौकियों को लेकर राज्य सरकार से जानकारी ली.

- इसके बाद भी प्रस्ताव राज्य सरकार और केंद्रीय गृहमंत्रालय की फाइलाें में चलता रहा.

- इस बीच पिछले महीने गृहमंत्रालय ने बंद पड़ी बॉर्डर इंटेलीजेंस चौकियों को शुरू करने पर सहमति दे दी

- वर्तमान समय में सीमा पर बढती गतिविधियों को देखते हुये राज्य सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल से विचार विमर्श बाद चौकियां पुर्नस्थापित करने को लिखा.

- चौकियाें का खर्च राजस्थान राज्य विशेष शाखा के बजट मद से वहन करने का अनुरोध किया.

गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से बॉर्डर इंटेलीजेंस की बंद पड़ी चौकियों को पुन: खोलन के औचित्य को लेकर जानकारी मांगी थी. राज्य सरकार ने इस सम्बंध में जानकारी दी थी.

- गृह विभाग ने बताया पहले BI पोस्ट थी- 57

- वर्ष 1995 से बंद की गई BI पोस्टों की संख्या- 16

- वर्ष 2009 से बंद की गई BI पोस्टों की संख्या -20
 

- पुनर्गठन के बाद सृजित BI पोस्ट- 3

- वर्तमान में संचालित BI पोस्ट की संख्या- 24
 

- बंद की गई BI पोस्ट उन्हें खोलने की अनुशंसा- 24

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यहां चाहिए चौकियां

श्रीगंगानगर- रावला, गजसिंहपुर, संगरिया व केसरिसिंहपुर

बीकानेर- रणजीतपुरा, पूंगल

जैसलमेर- देवीकोट, सम, बहाला, खुईवाला, बाप, भारेवाला, शाहगढ़, सुल्ताना, दबड़ी, घनाना और चिन्नू

बाडमेर- सेड़वा, केलनोरा, गागरिया, हरसाणी, जानपालिया, गांधव और पांचला

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