trendingNow/india/rajasthan/rajasthan12310501
Home >>Dungarpur

Dungarpur News: लॉ कॉलेज खोलकर भूली राज्य सरकार! नहीं की गई व्याख्याताओं की नियुक्ति

Dungarpur latest News: डूंगरपुर जिले में कानून की पढ़ाई में रुचि रखने वाले स्टूडेंट के लिए डूंगरपुर लॉ कॉलेज की स्थापना करके राज्य सरकार भूल गई है. तत्कालीन सरकार द्वारा घोषणा के बाद यहां अस्थाई भवन में लॉ कॉलेज शुरू किया गया, लेकिन व्याख्याता नहीं होने से एडमिशन के बाद अब लॉ स्टूडेंट अपने आपको ठगा सा महसूस करने लगे हैं.  

Advertisement
Dungarpur News: लॉ कॉलेज खोलकर भूली राज्य सरकार! नहीं की गई व्याख्याताओं की नियुक्ति
Stop
Akhilesh Sharma|Updated: Jun 27, 2024, 01:33 PM IST

Dungarpur latest News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में कानून की पढ़ाई में रुचि रखने वाले स्टूडेंट के लिए डूंगरपुर लॉ कॉलेज की स्थापना करके राज्य सरकार भूल गई है. तत्कालीन सरकार द्वारा घोषणा के बाद यहां अस्थाई भवन में लॉ कॉलेज शुरू किया गया, लेकिन व्याख्याता नहीं होने से एडमिशन के बाद अब लॉ स्टूडेंट अपने आपको ठगा सा महसूस करने लगे हैं. कुछ दिनों बाद परीक्षा होने वाली है लेकिन व्याख्याता नहीं होने से स्टूडेंट अगले दिनों में होने वाली परीक्षा को लेकर चिंतित हैं.

प्रदेश के जनजाति बहुल डूंगरपुर जिले में कांग्रेस सरकार ने योजनाओं और घोषणा का पिटारा खोल के रख दिया था. साल 2020 में की गई डूंगरपुर लॉ कॉलेज की घोषणा से पिछड़े क्षेत्र के होनहारों के लिए कानून की शिक्षा की राह खुली थी. लेकिन इसे सरकारी कामकाज की पेचिदगिया कहे या खोखली घोषणा करने की नीतियां जो अब तक कॉलेज जमीनी तौर पर शुरू नहीं हो सका है. इसकी एकमात्र वजह है लॉ कॉलेज के लिए फैकल्टी की कमी. लॉ कॉलेज के लिए साल 2020 में कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी. 

यह भी पढ़ें- Panchang 27 June 2024 : आज गुरुवार का दिन, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल

भवन के लिए शहर से लगती गुमानपुरा गांव में 12 बीघा जमीन का आवंटन कर दिया गया. सरकार की ओर से 6 करोड़ रुपए का बजट खर्च कर भवन निर्माण का काम चल रहा है. ऐसे में पहला सत्र सरकार ने शुरू भी कर दिया है और इसके लिए वीकेबी गर्ल्स कॉलेज के भवन में ही पढ़ाई का इंतजाम किया गया. फर्नीचर सहित अन्य सामग्री के लिए 1 करोड़ 43 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं. 

वहीं कॉलेज संचालन के लिए एक प्राचार्य और 7 व्याख्याता के पद सहित कुल 21 पद स्वीकृत किए गए हैं. अब हालत यह है कि सत्र शुरू करने के लिए वर्तमान सरकार ने 4 व्याख्याता डेपुटेशन पर भेजे थे. जो प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपने मूल कॉलेज में वापस लौट गए. ऐसे में कॉलेज में स्टाफ या व्याख्याता के नाम पर तमाम पद खाली है.

आने वाली परीक्षा को लेकर छात्र परेशान 

कानून की जटिल किताबों पर रोशनी डालने के लिए व्याख्याता नहीं होने से अब कुछ ही दिनों बाद होने वाली परीक्षा पहले सत्र के सभी 60 छात्रों के लिए बड़ा तनाव का कारण बनी हुई है. कानून की पढ़ाई के लिए कॉलेज में व्याख्याताओं की नियुक्ति नहीं होने से इसका असर स्टूडेंट की पढ़ाई पर पड़ रहा है. इस शैक्षणिक सत्र के बाद दूसरे सत्र में नए एडमिशन होंगे. ऐसे में स्टूडेंट की संख्या बढ़ जाएगी सरकार की ओर से व्याख्यता के बिना लॉ कॉलेज चलाना मुश्किल हो जाएगा. वहीं स्टूडेंट के लिए भी निजी स्तर पर ही पढ़ाई करने की मजबूरी हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- स दौर में कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कर देश में लगाया था आपातकाल- राजेन्द्र गहलोत

बहरहाल राज्य सरकार ने डूंगरपुर जिले में कानून की पढ़ाई में रुचि रखने वाले स्टूडेंट के लिए डूंगरपुर लॉ कॉलेज तो खोल दिया, लेकिन स्टाफ की नियुक्ति नहीं होने से छात्रों की कानून की पढ़ाई करने का सपना फिलहाल सपना ही नजर आता है. वहीं व्याख्याता नहीं होने से आने वाली परीक्षा भी छात्रों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. खैर अब देखना होगा कि राज्य सरकार डूंगरपुर लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कब तक कॉलेज में व्याख्याताओं की नियुक्ति करती है.

Read More
{}{}