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Dholpur: बारिश की वजह से किसानों की खरीफ की फसल को बड़ा नुकसान

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पूर्वी राजस्थान में विगत 6 दिन से रुक-रुक कर हुई बारिश ने किसानों को परेशानी के भंवर जाल में खड़ा कर दिया है.

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Dholpur: बारिश की वजह से किसानों की खरीफ की फसल को बड़ा नुकसान
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Sep 24, 2022, 04:36 PM IST

Dholpur: विगत एक सप्ताह से धौलपुर जिले में हो रही बारिश से खरीफ फसल को भारी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद से जिले भर में रुक-रुक के हो रही बारिश ने किसानों को झकझोर दिया है. रुक-रुक कर हो रही बारिश से खरीफ फसल पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है. खेतों में कटी पड़ी बाजरे की फसल में भारी नुकसान देखा जा रहा है. बाजरे की बाली का दाना काला पड़ने के साथ सड़ने के कगार पर पहुंच चुका है. इसके साथ ही दलहन, तिलहन, ग्वार और ज्वार की फसलें भी बारिश से प्रभावित हुई हैं.

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पूर्वी राजस्थान में विगत 6 दिन से रुक-रुक कर हुई बारिश ने किसानों को परेशानी के भंवर जाल में खड़ा कर दिया है. अंतिम मंजिल अर्थात पकाव पर पहुंच चुकी खरीफ फसल को आसमानी आफत ने खेतों से उठने से पूर्व ही अपनी जद में ले लिया है. जिले में बारिश का दौर होने के कारण खेत जलमग्न होकर तालाब के रूप में तब्दील हो गए. बाजरे की फसल का समय निकालने का चल रहा था.

अधिकांश काश्तकारों ने बाजरे की फसल की कटाई को अंजाम दिया था. कटी फसल को किसानों ने खेतों में ही सूखने के लिए छोड़ दिया था. लेकिन रुक-रुक कर हुई बारिश से बाजरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है. खेतों में कटी पड़ी बाजरे की बाली का दाना काला पड़ने के साथ सड़ने के कगार पर पहुंच चुका है. इसके साथ ही बाजरे की फसल का उपयोग आने वाला चारा भी बर्बाद हो चुका है. बाजरे की पकी फसल पर गिरी आसमानी आफत ने किसानों को चिंता में खड़ा कर दिया है.

किसान ने बताया कि बुवाई से लेकर अब तक का खरीफ फसल का काफी अच्छा समय रहा था. मौजूदा वक्त में बाजरा, दलहन, तिलहन और ग्वार ज्वार की कटाई का सीजन चल रहा था. लेकिन विदाई की बेला में बरसे मानसून ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. अनाज के साथ चारे की भी समस्या किसानों के लिए रहेगी. किसान राज्य सरकार से गिरदावरी कराकर मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.

धौलपुर जिले में विदाई की बेला में बरसे मानसून से आगामी रबी फसल भी प्रभावित होगी. कृषि विभाग के पर्यवेक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया सरसों की बुवाई का सीजन 20 सितंबर से शुरू हो जाता है. लेकिन उससे पूर्व खेतों की जुताई गुड़ाई कर खरपतवार को हटाकर सरसों की बुवाई के लिए खेतों को अनुकूल बनाया जाता है. लेकिन देरी से हुई बारिश ने सरसों की बुवाई को प्रभावित किया है.

उन्होंने बताया निश्चित तौर पर पीक समय पर सरसों फसल की बुवाई नहीं हो सकेगी. उधर मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी राजस्थान में मानसून फिर से दबाव बना रहा है. ऐसे में बारिश की संभावना दिखाई दे रही है. अगर इसी प्रकार बारिश का दौर जारी रहा तो खरीफ फसल बर्बाद होने के साथ रवि फसल पर भी बुरा असर देखा जाएगा.
फिलहाल किसान चिंता में डूबा हुआ है. खेतों से पानी के अंदर से फसल को बचाने की कोशिश कर रहा है

Reporter-Bhanu Sharma

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