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सुजानगढ़ में 9वीं कक्षा के छात्र ने बनाई एक खास साइकिल, प्रदर्शनी में लूटी वाहवाही

Sujangarh News: सुजानगढ़ में 9वीं कक्षा के छात्र हितेश ने एक खास साइकिल बनाई है. हितेश ने राजकीय बागला स्कूल में जनवरी में आयोजित हुई इंस्पायर अवार्ड 2021-22 की जिला स्तरीय प्रदर्शनी में भाग लेकर अपना मॉडल प्रस्तुत किया और जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है.   

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सुजानगढ़ में 9वीं कक्षा के छात्र ने बनाई एक खास साइकिल, प्रदर्शनी में लूटी वाहवाही
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Gopal Kanwar|Updated: Feb 20, 2023, 03:03 PM IST

Churu, Sujangarh: सुजानगढ़ के एक निजी विद्यालय (बाल भारती इंटरनल स्कूल, लुहागाड़ा) के 9वीं कक्षा के छात्र हितेश मीणा ने बनाई ऐसी साइकिलका मॉडल जो हर आमो-खास के जीवन में उपयोगी साबित होगा.

दरअसल 9वीं कक्षा के छात्र ने चूरू के राजकीय बागला स्कूल में जनवरी में आयोजित हुई इंस्पायर अवार्ड 2021-22 की जिला स्तरीय प्रदर्शनी में भाग लेकर अपना मॉडल प्रस्तुत किया और जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है. हितेश ने अपने प्रोजेक्ट में कार्यस्थल पर काम के साथ साइकलिंग को दर्शाया था. उसने यह चेयर उन लोगों के लिए तैयार की है जो भागमभाग भरी जिंदगी में एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे लोग इस चेयर पर काम के साथ-साथ साइकिलिंग भी कर सकते हैं.

डीईओ निसार अहमद खान ने बताया कि कि इस प्रतियोगिता में शामिल 430 विद्यार्थियों में से 120 का चूरू जिला स्तर पर चयन हुआ था. जिनमें से टॉप-12 के मॉडल्स को चुना गया.अब यह स्टेट लेवल पर अपना हुनर दिखाएंगे. राज्य स्तर के लिए पहले नंबर पर चुने जाने वाले हितेश मीणा के अलावा दिनेश प्रजापत, सुनील सुथार, तूफान सिंह, रागिनी शर्मा, इंद्राज, गुंजन, रामनिवास, सोनू स्वामी, गुंजन आसेरी, भूपेश कुमार, जतिन सोनी आदि शामिल है.

बचपन से ही प्रयोगों में रुचि

हितेश के पिता टीचर धर्मसिंह मीणा ने बताया कि हितेश को बचपन से ही विज्ञान के प्रयोगों में रुचि रही है. वह छठीं क्लास से ही छोटे बड़े विज्ञान मॉडल्स बनाता रहा है. हितेश ने बताया कि वह बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना चाहता है. वह ऐसे प्रयोग करना चाहता है जो लोगों के जीवन को आसान बना सके. हितेश की मां भी सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है.

दिखने में साधारण चेयर, पुश बटन से निकलते हैं टायर

हितेश की बनाई चेयर दिखने में साधारण चेयर लगती है. इसमें साइकिल जैसे टायर और पैडल चैन से जुड़े हैं. पुश बटन दबाने पर इसके नीचे टायर निकल आते हैं. वहीं बटन दबाकर वापस अंदर किया जा सकता है. यानी इसे प्रयोग करने वाला जब तक चाहे इस पर बैठकर काम कर सकता है. वहीं साइकिलिंग की इच्छा होने पर कमरे में पैडल मारते हुए चक्कर लगा सकता है. खास बात यह है कि इसकी कीमत साधारण साइकिल जितनी ही है. जगह भी एक चेयर जितनी चाहिए. कोई भी उम्र या जेंडर का व्यक्ति किसी भी तरह के कपड़े पहनकर इसे उयोग में ले सकता है.

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