Churu News:सरदारशहर के गांव लोडसर के ओमप्रकाश व हरिराम की बेड़िया खुलने के बाद लोगों में जी मिडिया के प्रति एक बड़ी उम्मीद नजर आई है.चुरू जिलें के सांडवा में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है, लोडसर में दोनों भाइयों के जंजीरों से मुक्त होने के बाद अब जी राजस्थान से फिर साण्डवा के लोगो ने आस लगाई हैं.
पांचीराम आज तक बिना कपड़ों के ही उसी एक पेड़ से बंधा हुआ है,
क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति खराब है, उसे समझ ही नही है कि वह बिन कपड़ो के बंधा हुआ है. सर्दी के मौसम में जहां जिले में पारा माईनस हो या गर्मी में पारा 46 डिग्री के पार हो पांचीराम बिना कपड़ों के इसी पेड़ से बंधा रहता है.
पांचीराम के एक भाई व एक बहिन है पांचीराम तीनों में सबसे छोटा है . पांचीराम की 60 वर्षीय माता हुलाशी देवी गांव में साफ सफाई का काम करके अपने घर का गुजारा चला रही है, पिता का साया भी पिछली साल उसके सर से उठ गया .
पांचीराम के परिजनों के घर की स्थिति ऐसी नहीं है कि कहीं ले जाकर उसका इलाज करवा सके. 15वर्षो से बेड़ियो में बंधे पांचीराम सरकार से लेकर किसी संस्था या भामाशाह ने सुध नहीं ली है. जिसके कारण परिवार के सभी लोग नरकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं.
गांव के लोगो व परिवार जनों को जी मिडिया के सरोकार की जानकारी मिलते ही उन्हें एक नई उम्मीद जगी, और उन्होंने जी मिडिया से संपर्क कर अपनी पीड़ा बताई. पांचीराम के चाचा नन्दलाल ने बताया कि उसके परिवार को सरकार की किसी भी योजना का फायदा भी नहीं मिल रहा है, नाही वे भामाशाह योजना से जुड़े हुए हैं, जिसके कारण इलाज करवाये तो सरकारी योजना का भी लाभ उन्हें नही मिलेगा. इसलिए हार थककर उन्होंने सारी उमीदें छोड़ दी है.
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