trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11224311
Home >>Chittorgargh

Nimbahera: तीर्थ करने से अधिक माता-पिता की सेवा करनी चाहिए – आचार्य वीरेन्द्रकृष्ण

आचार्य वीरेन्द्रकृष्ण दोर्गादत्ती ने कहा कि भविष्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति माता-पिता को विवश छोड़कर तीर्थाकन करते है उनकी तीर्थ यात्रा करना व्यर्थ है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को तीर्थों के अधिक माता पिता को समय देना चाहिए.

Advertisement
तीर्थ करने से अधिक माता-पिता की सेवा करनी चाहिए
Stop
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jun 18, 2022, 02:08 PM IST

Nimbahera: आचार्य वीरेन्द्रकृष्ण दोर्गादत्ती ने कहा कि भविष्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति माता-पिता को विवश छोड़कर तीर्थाकन करते है उनकी तीर्थ यात्रा करना व्यर्थ है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को तीर्थों के अधिक माता पिता को समय देना चाहिए. आचार्य दोर्गादत्ती शुक्रवार को सुमंतु कथा मंडप में व्यासपीठ से भविष्य पुराण का कथा अमृतपान करा रहे थे. उन्होंने कहा कि पौराणिक ग्रंथों के अनुसार शयन एवं भोजन के लिए भी दिशाओं का बोध रखना चाहिए. 

उन्होंने बताया कि दक्षिण में सिर रखकर शयन करने पर धन और पूर्व में सिर रखने पर आयुष्मान होते है. उन्होंने कहा कि अहंकार जीवन में अंधकार लाता है. इसी कारण अहंकारी व्यक्ति दूसरों को सुनने और समझने के लिए तैयार नहीं होता. उन्होंने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार माह में किन्ही दो तिथियों को मान्यता देते हुए वैदिक विधान की पालना की जाए जीवन संवारा जा सकता है. वहीं व्यक्ति पाप मुक्त होकर प्रभु की शरणागत हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्रतिमाह दोनों पक्षों की प्रतिपदा को संसार के रचियता एवं भाग्य विधाता ब्रह्मा जी की पूजा, अर्चना और आराधना करने व्रत उपवास करने से जीवन को संवारा जा सकता है. 

इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रथम बार भविष्यपुराण का श्रवण कर स्वयं को धन्य कर रहे थे. प्रारंभ में आचार्य श्री ने मुख्य यजमान के रूप में ठाकुर श्री कल्लाजी की पूजा अर्चना की. वहीं वेदपीठ की ओर से व्यासपीठ का पूजन किया गया.
Report- Deepak Vyas
यह भी पढ़ें- Jaisalmer: बाइक पर सवार होकर आए 3 युवक, और कर दी फायरिंग, इलाके में मचा हड़कंप 
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां
 क्लिक करें 

Read More
{}{}