trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11293679
Home >>Chittorgargh

कपासन: झाड़ेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे चिंतामणि पार्थिवेश्वर अनुष्ठान का समापन

चिंतामणि पार्थिवेश्वर अनुष्ठान के अंतिम दिन सप्तम दिवस श्री चिंतामणि पार्थिवेश्वर पूजन सूर्य आकृति का निर्माण किया गया और आकर्षक मनमोहक भगवान श्रीनाथजी की मूर्ति आकृति बना करके अनुष्ठान किया गया.

Advertisement
कपासन: झाड़ेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे चिंतामणि पार्थिवेश्वर अनुष्ठान का समापन
Stop
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Aug 08, 2022, 01:38 PM IST

Kapasan: कपासन कस्बे के झाड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहे चिंतामणि पार्थिवेश्वर अनुष्ठान के अंतिम दिन सप्तम दिवस श्री चिंतामणि पार्थिवेश्वर पूजन सूर्य आकृति का निर्माण किया गया और आकर्षक मनमोहक भगवान श्रीनाथजी की मूर्ति आकृति बना करके अनुष्ठान किया गया.

इसके करने से कुंडली मे सूर्य ग्रह प्रबल होता है. व्याधियों का नाश होता है और आत्मबल बढ़ता है. शत्रुओं का भेद की जानकारी प्राप्त होती है. सातों दिनों की पार्थिवेश्वर पूजन करने से सभी प्रकार की चिंताओं से मुक्ति मिलती है. अलख वेद गुरुकुल के आचार्य डॉ. हितेश शर्मा पंडित अनिल शर्मा पंडित रविन्द्र उपाध्याय द्वारा पूजन अभिषेक किया गया.

यह भी पढ़ें- सावन का आखिरी सोमवार आज, बन रहे कई खास संयोग, भोलेनाथ पूरी करेंगे हर मनोकामना

सातों दिन अलग-अलग आकृतियों का निर्माण किया गया और पूजन किया गया, जिसमें प्रथम दिन सोमवार को नागपाश आकृति का निर्माण किया गया, जिसको करने से व्यक्ति के जीवन मे पितृ दोष, काल सर्प दोष, मोह माया के पाश के बंधन से मुक्ति मिलती है. मंगलवार को त्रिकोण आकृति का निर्माण किया गया, जिसके करने से मंगल दोष से शांति मिलती है. बुधवार को कच्छप आकृति निर्माण किया गया, जिसको करने से जीवन मे स्थायित्व की प्राप्ति होती है. 

गुरुवार को वर्गाकार आकृति का निर्माण किया गया, जिसको करने से गुरुगृह प्रबल होता आध्यात्मिक कार्य मे रुचि बढ़ती है. शुक्रवार को पंचकोण आकृति का निर्माण किया गया, जिसको करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, जिससे सांसारिक भोग विलास में वृद्धि होती है. शनिवार के दिन धनु आकृति का निर्माण किया गया, जिसके करने से शनि ग्रह प्रबल होता है और साढ़ेसाती ढैय्या में में शांति मिलती है.

इस कार्यक्रम में भक्तजनों ने बढ़-चढ़कर स्वैच्छिक रूप से अनुष्ठान में भागीदारी निभाई तथा भक्तों ने भोलेनाथ के भजनों पर ज़ूम कर निर्णय किया, उसके बाद सभी आकृतियों को तालाब में विसर्जित किया गया.

Reporter- Deepak Vyas

चित्तौड़गढ़ की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

यह भी पढ़ें- अपनी उम्र से बड़े पार्टनर पर क्यों मर-मिटते हैं लड़के-लड़कियां, आप भी जानिए खासियतें

यह भी पढ़ें- महज 20 की उम्र में कमसिन हसीना अवनीत कौर ने सोशल मीडिया में मचाया तहलका, फोटोज वायरल

यह भी पढ़ें- जिंदगी भर पति से ये बातें छिपाती है हर पत्नी, आखिरी दम तक नहीं बताती, खुद ले सकते टेस्ट

यह भी पढ़ें- पतियों के मुंह से ये बातें सुनना पसंद करती हैं बीवियां, शादी से पहले से होता है सपना

यह भी पढे़ं- शादी से पहले लड़कियों के बारे में लड़के जरूर जान लें ये बातें, वरना पछताते फिरेंगे लड़के

 

 

 

Read More
{}{}