trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11322636
Home >>Chittorgargh

Chittorgarh: भगवान हर प्राणी के भीतर, बाहर ढूंढ़ने की जरूरत नहीं- साध्वी डॉ. अर्पिता

शांति भवन में प्रवचन में साध्वी डॉ. अर्पिता कहा कि परमात्मा हमारे भीतर ही प्रकट हो जाते हैं. उन्हें कहीं बाहर ढूंढ़ने की आवश्यकता नहीं है. भगवान हर प्राणी के भीतर विराजमान है. जैसे मोबाइल का नेटवर्क है, वह दिखाई नहीं देता लेकिन वाईफाई से ही चलता है. 

Advertisement
Chittorgarh: भगवान हर प्राणी के भीतर, बाहर ढूंढ़ने की जरूरत नहीं- साध्वी डॉ. अर्पिता
Stop
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Aug 27, 2022, 09:51 PM IST

Chittorgarh: श्रमण संघीय साध्वी डॉ. अर्पिता ने पर्युषण महापर्व की प्रवचन माला में चौथे दिन शांति भवन में प्रवचन देते हुए कहा कि श्रद्धा, आस्था और विश्वास से परमात्मा हमारे भीतर ही प्रकट हो जाते हैं. उन्हें कहीं बाहर ढुंढने की आवश्यकता नहीं है. भगवान हर प्राणी के भीतर विराजमान है. मोबाइल नेटवर्क का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे मोबाइल का नेटवर्क है वह दिखाई नहीं देता परन्तु मोबाइल नेटवर्क व वाईफाई से ही चलता है. इसी प्रकार जीवात्मा की हर क्रिया भगवान की नजरों में है. हम भगवान को सच्चे मन से याद करते हैं तो वो वाइब्रेशन उन तक पहुंचती है. जप, तप और मंत्र के प्रभाव से इन्द्र के सिंहासन डांवा डोल हो जाते हैं.

उन्होंने लौकिक देवों और अरिहन्त देव के मध्य अन्तर को समझाया. लौकिक देव केवल पुण्य के प्रभाव से मनोकामना पूर्ण करने का कार्य करते हैं. फास्टफूड की तरह केवल भूख शान्त करते हैं. अरिहन्त देव की आराधना से आत्मा को पोषण मिलता है. तीर्थंकर देव की उपासना से आत्मा अनन्त कर्मों की निर्जरा करती हैं. असली देव तो अरिहन्त देव है- लौकिक देव फास्ट फूड जैसे है जब बीमार होते हैं तो डॉक्टर खिचड़ी, दूध लेने की सलाह देता है. फास्ट फूड खाने की नहीं देता.

ये भी पढ़ें- कोरोना के 2 साल बाद फिर दौड़ेगी शाही ट्रेन, पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन को मिली हरी झंडी

कोई कहता है कि भगवान दिखता नहीं, आसमान में मन से सिगनल भेज कर तो देखें, कनेक्शन जुड़ता है कि नहीं? कब तक रेंज से बाहर रहेंगे. एक दिन तो नेटवर्क में आना ही पड़ेगा. स्वयं को भूला कर प्रभु में समा कर अपनी चेतना को जागृत करना होगा. जीवों की तरंगों को उठाना पड़ेगा, प्रभु की मेमोरी से तुम डिलिटेड नहीं हो. जहां चाहे जब चाहे परमात्मा से कनेक्शन कर सकते हैं. खुद को अपने जीवन का निर्माण करना पड़ेगा.
साध्वी वीना ने अन्तगड़ दशा सूत्र का वाचन करते हुए गज सुकुमाल, सुमुख, दुर्मुख, जालि, मयालि उबयावलि, पुरूषसेन और वारिसेन आदि के चरित्र का वाचन किया. महिला मण्डल अध्यक्ष सरोज नाहर से बताया कि बड़ाकल्प के अवसर पर लगभग 400 महिलाओं ने उपवास के प्रत्याख्यान लिए. बहनों से बोले, तेले, चोले, एकासन आयम्बिल तप के भी प्रत्याख्यान लिए.

Reporter: Deepak Vyas

Read More
{}{}