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Holi 2024: बीकानेर की डोलची मार होली का अनोखा खेल, रंग की बजाय अपनों को केवल पानी से भीगोते है होलियारे

 Bikaner unique Dolchi Maar Holi: लगभग 500 साल पुरानी है, बरसो से चली आ रही इस परंपरा को आज भी बीकानेर में वैसे ही मनाया जाता है. होली के इस मौके पर बड़े बड़े कडाव(बर्तन) को पानी से भरा जाता है. इस खेल में काफी पानी लगता है.

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Bikaner unique Dolchi Maar Holi ZeeRajasthan
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Raunak Vyas|Updated: Mar 21, 2024, 11:17 PM IST

 Bikaner unique Dolchi Maar Holi: मथुरा की लठमार होली तो आपने देखी होगी लेकिन बीकानेर मे पानी से डोलची मार होली खेली जाती है, जो अपने आप में अनूठी है.  होली के रसिये इस डोलचीमार होली का जम कर आनंद ले रहे है, इसमें रंग की बजाय केवल पानी से होली खेली जाती है.

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500 साल पुरानी है यह परंपरा
यह परंपरा लगभग 500 साल पुरानी है, बरसो से चली आ रही इस परंपरा को आज भी बीकानेर में वैसे ही मनाया जाता है. होली के इस मौके पर बड़े बड़े कडाव(बर्तन) को पानी से भरा जाता है. इस खेल में काफी पानी लगता है, उसके लिए पहले से तैयारियां की जाती है और अगर पानी कम पड़ जाये तो पानी के टैंकर मंगवाए जाते है और सैकड़ों की संख्या में लोग इस खेल में एक दूसरे की पीठ पर डोलची से पानी मारते है और होली खेलते है.

दो लोग आपस में खेलते है ये खेल
इस खेल को दो लोग आपस में खेलते है. चमड़े से बनी इस डोलची में खेलने वाला पानी भरता है और सामने खड़े अपने साथी की पीठ पर जोर से पानी से वार करता है. और फिर उसे भी जवाब देने का मोका मिलता है. जितनी तेज़ आवाज़ होती है उतना ही खेल का मजा आता है और जोश बढ़ता है. इतिहास के मुताबिक ये खेल सालो पहले दो जातियों हर्ष-व्यास के बीच शुरू हुआ जिसे अब हर वर्ग ओर जात के लोग खेलते है.

महिलाएं और बच्चे अपने घरों की छत से इस खेल के नजारे को देखती है.  आखिर में खेल का अंत लाल गुलाल उड़ाकर और पारंपरिक गीत गाकर किया जाता है. इस खेल में बच्चे, बूढ़े, जवान हर जाति धर्म के लोग हिस्सा लेते है. होली के रसिये साल भर इस डोलची मार होली का इंतजार करते है और जम कर खेलते है यह पानी का खेल.ऐसे में होली के रसियों पर होली की खुमारी अभी से ही देखने को मिल रही हैं.

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