trendingNow/india/rajasthan/rajasthan12045133
Home >>बीकानेर

बीकानेर के महाराजा करण सिंह जिन्होंने विफल की औरंगजेब की धर्मानंतरण योजना , कुल्हाड़ी से काटी थी शाही नावें

Maharaja Karan Singh: बीकानेर के महाराजाओं का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है. उन्होंने भारत देश को औरंगजेब के अत्याचारों से मुक्त करने के लिए कई बार युद्ध किए. इसकी छल की नीति को अपनी कूटनीति से हाराया था. 

Advertisement
Maharaja Karan Singh
Stop
Anamika Mishra |Updated: Jan 07, 2024, 09:35 PM IST

Maharaja Karan Singh: बीकानेर के महाराजाओं का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है. यहां के राजा - महाराजाएं देश और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए सच्चे योद्धा रहे हैं, जो कभी भी किसी भी युद्ध में पीछे हटने का नहीं सोचते थे. इस इतिहास में एक महाराजा ऐसे भी थे जिन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कुल्हाड़ी उठाई. इस कुल्हाड़ी के कारण पूरे हिंदुस्तान में हिंदू धर्म सुरक्षित रहा है. बीकानेर के महाराजा करण सिंह ने औरंगजेब की शाही नावों को अटक नदी पर कुल्हाड़ी से तोड़ा, जिससे पूरे हिंदुस्तान को मुस्लिम देश बनने से बचा लिया. उसी को देखते हुए हिंदुस्तान के सभी राजकुमारों ने बीकानेर के महाराजा करण सिंह को जय जंगलधार बादशाह की उपाधि दी थी.

 शाहजहां के बेटों के संघर्ष में औरंगजेब का दिया था साथ

मिली जानकारी के अनुसार पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने बताया कि, महाराजा करण सिंह ने 1631 से 1669 तक मुगलों की अधीनता वाले देश में शासन किया, जबकि वे महाराजा सुर सिंह के सबसे बड़े बेटे थे. इस समय महाराजा करण सिंह ने शाहजहां के बेटों के संघर्ष में औरंगजेब का साथ दिया था. वही दूसरी तरफ मुगल बादशाह औरंगजेब को मुस्लिम धर्म को सारे हिंदुस्तान में फैलाने का  शौक रखा था और उसने इसके लिए  षड्यंत्र भी रचा था. उसने हिंदुस्तान और पाकिस्तान बॉर्डर पर अटक नदी से हिंदुस्तान के सभी राजकुमारों को नावों से ले जाने की योजना बनाई थी, जिससे औरंगजेब अपने साम्राज्य को विस्तारित करना चाहता था. इस षड्यंत्र के खिलाफ जागरूक होने के बाद, राजा करण सिंह ने अपनी नीति को बदला.

कुल्हाड़ी लेकर काट दी थी सभी शाही नावें

इसके बाद जब औरंगजेब ने नावों से राजकुमारों और अन्य लोगों को दूसरी ओर ले जाने की कोशिश की , तो राजा करण सिंह ने खुद सबसे पहले जाने को कहा. उन्होंने कहा कि,  जब नाव वापिस राजा- महाराजाओं को लेने आई तो राजा करण सिंह ने कहा कि जयपुर राजघराने में किसी की मृत्यु हो गई है और 12 दिनों तक यात्रा नहीं की जा सकेगी. इसके बाद औरंगजेब ने राजकुमारों को भेजने का आदेश दिया, लेकिन राजा करण सिंह ने इससे इंकार कर दिया और अपने सभी हिंदू राजकुमारों की अगुवाई करते हुए कुल्हाड़ी लेकर लकड़ी की सभी शाही नावों को एख काट में ही तोड़ डाला.  इसके बाद कोई भी नाव वहां नहीं पहुंच सकी और सभी राजकुमार अपने अपने राज्यों की ओर चले गए.

 

Read More
{}{}