trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11934627
Home >>भरतपुर

Bharatpur news : करवा चौथ पर बढ़ जाती है इन करवे की डिमांड,जानें किस प्रकार से होते है तैयार

Bharatpur news : पति-पत्नी के रिश्ते को  दीर्घायु प्रदान करने के लिए सुहागन स्त्रियां प्रतिवर्ष अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए एक व्रत रखती हैं.चंद्र पूजन से से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. इसलिए करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देने का विधान है. 

Advertisement
Bharatpur news : करवा चौथ पर बढ़ जाती है इन करवे की डिमांड,जानें किस प्रकार से होते है तैयार
Stop
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Oct 29, 2023, 07:06 AM IST

Bharatpur news : करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है.यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं.ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं.सुबह से ही सुहागन स्त्रियां निर्जला वर्त रखती है.

लंबी उम्र के लिए पत्नी रखती है वर्त
पति-पत्नी के रिश्ते को  दीर्घायु प्रदान करने के लिए सुहागन स्त्रियां प्रतिवर्ष अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए एक व्रत रखती हैं.धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक करवा चौथ पर चंद्र देव को अर्घ्य देने से पति की आयु लंबी होती है और घर में सुख-शांति आती है.साथ ही चंद्र पूजन से से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. इसलिए करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देने का विधान है. 

इसे भी पढ़े :राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले से जाट-राजपूतों को फायदा, जानें वजह​

अर्घ्य देने के लिए खास पात्र का उपयोग 
सुबह से रखे इस वर्त को रात  में चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर खोला जाता है. इस समय पति अपने पत्नी को पानी पिलाकर उसका वर्त खोलता है.  अर्घ्य देने के लिए जिस पात्र का उपयोग किया जाता है. उसे करवा कहते हैं. आज के समय में इस करवे का स्वरूप में बदलाव आ गया है.

आज के समय में जहां नई पीढ़ी परंपरागत कामों से दूर होती जा रही है.वहीं, राजस्थान में कुछ परिवार ऐसे हैं. जो आज भी मिट्टी के करवो को बनाने का काम कर रहे हैं.

भरतपुर के सोनू प्रजापत जो मिट्टी को अपने  हाथों से चक्र पर घूमकर करवे का स्वरूप प्रदान करते हैं.करवे बनाने के लिए सबसे पहले अच्छी मिट्टी का चयन किया जाता है.उसके बाद मिट्टी को पानी में भिगोकर और विभिन्न जटिल प्रक्रियाओं से गुजर कर मिट्टी रेत और पानी के मिश्रण से उपयुक्त तैयार कर फिर चाक पर रखकर कुम्हार उनको अलग-अलग स्वरूप प्रदान करता है.

इसे भी पढ़े :पायलट 31 अक्टूबर को दाखिल करेंगे नामांकन, जुलूस के रूट को लेकर बना प्लान

Read More
{}{}