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Baran : पोषाहार में गेहूं की जगह इल्लियों का ढेर, देखते ही महिला को आ गयी उल्टी

केन्द्रों पर जो नया पोषाहार पैकेट सप्लाई किया जा रहा है वो घटिया किस्म का है. केन्द्र पर गर्भवती धात्री और बच्चों के लिए 7 महीने बाद भेजा गया पोषाहार पूरी तरह घटिया, सड़ा हुआ है

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Baran : पोषाहार में गेहूं की जगह इल्लियों का ढेर, देखते ही महिला को आ गयी उल्टी
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Oct 04, 2022, 02:09 PM IST

Baran : राजस्थान के बारां जिले के केलवाड़ा और कस्बाथाना क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत सुधारने के लिए दिए जाने वाले पोषाहार की गुणवत्ता पर कई सवाल उठ रहे है. संवेदक की तरफ से आपूर्ति किये जा रहे पोषाहार की क्वालिटी घटिया होने का मामला सामने आया है  आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओ ने घटिया पोषाहार सप्लाई को लेकर सम्बंधित अधिकारियों को कई बार शिकायत की. लेकिन पोषाहार गुणवत्ता में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है.

केन्द्रों पर जो नया पोषाहार पैकेट सप्लाई किया जा रहा है वो घटिया किस्म का है. केन्द्र पर गर्भवती धात्री और बच्चों के लिए 7 महीने बाद भेजा गया पोषाहार पूरी तरह घटिया, सड़ा हुआ है जिसे लेने से सभी लाभार्थी मना कर रहे हैं. कट्टों में से बदबू आ रही थी. खोलकर देखा तो कट्टे पर सैकड़ों इल्लियों का ढेर लगा था. बदबू इतनी ज्यादा थी कि वहां मौजूद महिला को उल्टी आने लगी.

कोरोना काल से ही राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर आपूर्ति होने वाले 0 से 5 सालों तक के बालक बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के लिए पोषाहार में बदलाव किए. लेकिन मौजूदा पोषाहार की गुणवत्ता पैकिंग की थैलियों पर अंकित मापदंड़ पर ठीक नहीं हैं. थैलियों में पैकिंग बच्चों को दाल और दलिया रास नहीं आ रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्रों पर जो नया पोषाहार पैकेट सप्लाई किया जा रहा है वो घटिया किस्म का है और पैकिंग तिथि के कई माह बाद केंद्रों पर पहुंचाया जाता हैं. बच्चे भी दलिया नहीं खा रहे हैं.आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों को फोटीर्फाइड प्रोसेस्ड पूरक पोषाहार दिया जा रहा है.

बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने पोषाहार वितरण में बदलाव कर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बालकों, गर्भवती, धात्री महिलाओं और किशोरियों को प्रोसेस्ड पूरक पोषाहार वितरण शुरू किया, लेकिन जमीनी हकीकत पर लाभार्थियों की सेहत पर खरा नहीं उतर रहा है.

मूंग दाल के पैकेड में मूंग कम चावल अधिक आ रहे है, वही गेंहू के पैकेट में गेंहू है या दलिया, ये भी समझ से परे है. मीठा दलिया कड़वाहट दे रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सभी केंद्रों पर घटिया पोषाहर सप्लाई हो रहा है. जिसकी शिकायत विभाग अफसरों को की जाती हैं तो खराब पोषाहार वितरण नहीं करने की बात कही जाती हैं. वहीं लाभार्थी पोषाहार लेने में आनाकानी करते है. ऐसे में पोषाहर वितरण की समस्या बनी हुई है.

रिपोर्टर- राम मेहता

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