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Rajasthan: क्या है कांग्रेस की 7 गारंटी! जिसके भरोसे अशोक गहलोत को है सरकार रिपीट करने का विश्वास

मरुधरा में विधानसभा चुनाव का सियासी चौसर बिछ चुका है और इसमें कांग्रेस ने अपना पहला दांव भी चल दिया है. कांग्रेस ने अपने पहले दावा में जनता के सामने 7 गारंटी दी है और इन गारंटियों को लेकर यात्रा का भी आगाज कर दिया गया है.

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Rajasthan: क्या है कांग्रेस की 7 गारंटी! जिसके भरोसे अशोक गहलोत को है सरकार रिपीट करने का विश्वास
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Anish Shekhar|Updated: Nov 08, 2023, 01:34 PM IST

Rajasthan Congress Guarantee: मरुधरा में विधानसभा चुनाव का सियासी चौसर बिछ चुका है और इसमें कांग्रेस ने अपना पहला दांव भी चल दिया है. कांग्रेस ने अपने पहले दावा में जनता के सामने 7 गारंटी दी है और इन गारंटियों को लेकर यात्रा का भी आगाज कर दिया गया है. यह यात्रा प्रदेश के सभी जिलों से होकर कुल 135 विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरेगी. लिहाजा ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि कांग्रेस की इन गारंटीयों से जनता को कितना फायदा होगा और उससे भी बड़ा सवाल है कि क्या कांग्रेस को इन 7 गारंटी के बदौलत जनता साथ मिलेगा.

यह है कांग्रेस की 7 गारंटी

1. गोधन योजना जिसके तहत किसानों से 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदी जाएगी
2. कॉलेज में एडमिशन लेने वाले हर स्टूडेंट को पहले वर्ष फ्री लैपटॉप
3. प्रदेश के हर छात्र को अंग्रेजी मीडियम से शिक्षा की गारंटी
4. प्राकृतिक आपदा के शिकार होने वाले हर परिवार का 15 लाख रुपए का बीमा
5. महंगाई से राहत देने के लिए प्रदेश के 1.05 करोड़ परिवारों को 500 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर
6. गृहलक्ष्मी गारंटी योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को सालाना 10 हजार रुपए
7. सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस का कानून बनाने की गारंटी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस की इन 7 गारंटी पर पूरा भरोसा है कि यह गारंटियां कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापसी करवा सकती है. कांग्रेस इन 7 गारंटीयों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सातों संभाग में यात्रा भी निकल रही है. जिसके लिए वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग संभागों की जिम्मेदारी सौंप गई है. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को अजमेर के जिम्मेदारी दी गई है, तो वहीं उदयपुर की जिम्मेदारी सीपी जोशी के कंधों पर है.

वहीं जोधपुर में हरीश चौधरी और बीकानेर में गोविंद राम मेघवाल को जिम्मेदारी सौंप गई है, जबकि राजधानी जयपुर और जयपुर संभाग की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के पास है. साथ ही कोटा की जिम्मेदारी मंत्री प्रमोद जैन भाया और भरतपुर का जुम्मा मोहन प्रकाश को सोपा गया है साथ ही प्रभारी के सहयोगियों के रूप में प्रदेश के तीनों से प्रभारी यानी काजी निजामुद्दीन वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन को समन्वय के रूप में जिम्मेदारी सौंप गई है.

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