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Rajasthan Election: कांग्रेस में टिकट के लिए नहीं चलेगी किसी की सिफारिश, राहुल के बयान के बाद अलर्ट हुआ आलाकमान

Rajasthan Congress : कांग्रेस की रणनीति में अब केवल जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश, राजस्थान में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी करने में होगी देरी, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक जारी होगी पहली सूची

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Rajasthan Election: कांग्रेस में टिकट के लिए नहीं चलेगी किसी की सिफारिश, राहुल के बयान के बाद अलर्ट हुआ आलाकमान
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Nizam Kantaliya|Updated: Sep 29, 2023, 02:19 PM IST

Rajasthan Congress : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस ने राजस्थान में प्रत्याशियों के चयन को लेकर अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी का यह बयान उन्हे मिली रिपोर्टो के आधार पर था जिसमें उनकी टीम ने उन्हे बताया कि राजस्थान में पायलट और गहलोत खेमे के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास गया किया गया तो राजस्थान का चुनाव जितना मुश्किल है.

राहुल गांधी ने हाल ही में राजस्थान को लेकर बयान दिया था कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीत रही है जबकि राजस्थान में बराबर का मुकाबला है. इस बयान के बाद से ही राजस्थान प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी भी दबाव में आ गयी है. राहुल के बयान के बाद से ही कांग्रेस से जुड़े नेता ये मानने लगे है कि राजस्थान अगर टिकटों का चयन सही हुआ और कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ा तो राजस्थान में बराबर के मुकाबले को जीत में बदला जा सकता है.

राहुल के बयानों के साथ ही एआईसीसी ने भी उम्मीदवार चयन में जुटे सीनियर नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि उन्हीं लोगों को टिकट मिलेंगे जो जीत की गारंटी पूरी करते हों.
सूत्रों के अनुसार एआईसीसी ने अपने इन सीनियर नेताओं को सख्त हिदायत भी दी है कि किसी तरह की सिफारिश उनके निकट भविष्य को प्रभावित कर सकती है. यहां तक की राजस्थान के प्रभारी और सहप्रभारियों की रिपोर्ट को सबसे नीचे रखा जाएगा, इसके बाद प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पैनल तैयार होंगे. इन पैनलो के अलावा भी एआईसीसी एक ओर पैरेलल पैनल तैयार कराने में जुटा है.

राहुल के बयान से बदली रणनीति

कांग्रेस हाईकमान अब राजस्थान में टिकट चयन प्रक्रिया पर अपना पुरा नियत्रंण रख रहा है. एआईसीसी का पूरा फोकस है कि एक भी कमजोर और सिफारिशी उम्मीदवार मैदान में नहीं आ पाए. ​राहुल के बयान को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि राहुल के बयानों से पहले कांग्रेस 5—6 अक्टूबर को राजस्थान के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने की तैयारी कर रही थी. लेकिन अब राहुल के बयान के बाद कांग्रेस के सभी दिग्गजों पर ना केवल एक दबाव बना है बक्लि सही उम्मीदवार का चयन करना भी उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ गया है.

राहुल के बयानों के बाद से ही अचानक ही राजस्थान के सीनियर ऑब्जर्वर मिस्त्री और उनके 25 ऑब्जर्वर्स और अन्य सीनियर नेताओं के टीम बेहद तेजी जमीनी स्तर पर कवायद में जुटी है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री और शशिकांत सेंथिल को भी जिताउ उम्मीदवारों की खोजबीन कर एक पैरलल पैनल तैयार करने के निर्देश दिए गए है.

मिस्त्री और उनकी टीम सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को रिपोर्ट करेगी. माना जा रहा है कि इस टीम की रिपोर्ट को अन्य रिपोर्ट के साथ मिलान करने के बाद ही कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित करेगी.

समन्वय नहीं केवल

राहुल गांधी के बयान के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री और शशिकांत सेंथिल से लेकर राजस्थान के प्रभारी और सहप्रभारी, प्रचार समिति और स्क्रीनिंग समिति को हर सीट पर केवल जिताऊ उम्मीदवार की तलाश करने के निर्देश दिए है. सूत्रों के अनुसार खरगे ने सभी स्पष्ट किया है कि सचिन पायलट या गहलोत खेमे को शांत करने या समन्वय बनाने की कोशिश की बजाए केवल जिताऊ उम्मीदवार के पैनल बनाने पर फोकस करें.

यही कारण है कि राजस्थान में प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी प्रदेशभर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं के बायोडेटा पर मंथन से लेकर वन-टू-वन के प्रोसेस में जुटी है. वही सीनियर ऑब्जर्वर मिस्त्री अपने 25 ऑब्जर्वर्स और अन्य सीनियर नेताओं की अगुवाई में हर सीट पर जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे और उनकी टीम राहुल गांधी के इसी बयान को आधार बनाकर टिकट चयन की प्रक्रिया को बेहद सख्त बना दिया है. खरगे की टीम के लिए राहुल गांधी का बयान मददगार साबित हो रहा है.

राहुल गांधी के इस सख्त बयान से गहलोत और पायलट खेमा भी सवाल खड़े करने की स्थिती में नहीं है. इसी को देखते हुए खरगे की टीम ने अब टिकट वितरण को लेकर सख्त रवैया अपना लिया है. कांग्रेस इस बार ​सीनियर नेताओं की सिफारिशों पर कम जनाधार वाले नेताओं को टिकट भी नहीं देगी, यहां तक कि बगावत करने वाले नेताओं को लेकर रणनीति बना रही है.

क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनावों में पायलट और गहलाेत समर्थकों की लड़ाई के चलते कई सीटों पर बगावत के कारण कांग्रेस के उम्मीदवार हार गए थे. लेकिन इस बार कांग्रेस नेताओं को साधकर चलने की तैयारी कर रही है. प्रियंका गांधी ने भी ऐसे नेताओं को लेकर हाल ही में बयान दिया था कि जो पार्टी छोड़कर जा रहे है उन्हें फिर कभी वापसी का मौका नहीं दिया जाए.

अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में संभव

राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की पहली सूची को लेकर इंतजार अब ओर भी बढ़ गया है. सितंबर में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने का दावा करने वाली कांग्रेस अब 15 अक्टूबर तक ही पहली सूची जारी कर पाएगी. प्रत्याशियों के चयन में जुटे सीनियर ऑब्जर्वर मिस्त्री अपने 25 ऑब्जर्वर्स और अन्य सीनियर नेताओं के साथ आगामी 30 सितंबर और एक अक्टूबर को जयपुर में लगातार बैठके करेंगे. इन बैठको में राज्यभर से आयी रिपोर्ट के आधार पर पैनल तैयार करने के साथ ही चुनावी जीत के लिए विशलेषण भी करेगें.

जयपुर की इस बैठक के बाद 3-4 अक्टूबर को वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री और शशिकांत सेंथिल​ दिल्ली में हाईकमान के साथ बैठक करेंगे. माना जा रहा है 8-10 अक्टूबर तक कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है. अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक कांग्रेस राजस्थान में अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है.

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