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हाईवे पर दलित युवक का शव मिलने से सनसनी, परिजन बोले- हत्या हुई है, शव नहीं लेंगे

हाईवे पर किशनगढ़ बास के गांव ओदरा के पास मांचा गांव निवासी अशोक शव मिलने की घटना पर क्षेत्र के लोग और किशनगढ़ बास थाना पुलिस मौके पर पंहुची. मामले में परिजनों का कहना है कि हत्या हुई है, शव नहीं लेंगे.

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हाईवे पर दलित युवक का शव मिलने से सनसनी, परिजन बोले- हत्या हुई है, शव नहीं लेंगे
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Jugal Kishor |Updated: Sep 22, 2022, 09:03 PM IST

Kishangarh bas: करौली मेगा हाईवे पर किशनगढ़ बास के गांव ओदरा के पास मांचा गांव निवासी अशोक शव मिलने की घटना पर क्षेत्र के लोग और किशनगढ़ बास थाना पुलिस मौके पर पंहुची. जिसके बाद पुलिस नें शव को किशनगढ़ बास के सरकारी अस्पताल की मोरचरी में रखवाया. दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में दलित संगठनों के पदाधिकारी और दलित समाज के लोग बुधवार की देर रात से ही किशनगढ़ बास सरकारी अस्पताल परिसर में पंहुचनें शुरु हो गए और गुरुवार की सुबह से ही परिजन और संगठनों के पदाधिकारी घटना को लेकर हत्या की आंशका जताते रहे. भारी संख्या में लोगों के एकत्रित होनें पर पुलिस और प्रशासन का भारी लवाजमा तैनात रहा.

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मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय भिवाड़ी, किशनगढ़ बास एसडीएम गंगाधर मीणा, पुलिस उपाधीक्षक अतुल अग्रे, किशनगढ़ बास थानाधिकारी अमित चैधरी, खैरथल थानाधिकारी भगवान सहाय शर्मा, कोटकासिम थानाप्रभारी केलाश चन्द, किशनगढ़ बास के चिकित्सा प्रभारी डॉ. अतुल गौड और डॉ. केशव सोनी आदि मौजूद रहे. परिजनों और संगठनों के पदाधिकारी प्रकरण में हत्या की आंशका पर प्रशासन और सरकार से चार सूत्रीय मांग पर अड़े रहे. उनका कहना था कि दलित समाज के बेटे की हत्या की गई है, जिस पर पुलिस आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करे.

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प्रकरण की जांच को लेकर एसआईटी टीम का गठन किया जाये, मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, पचास लाख रुपये राशि की आर्थिक सहायता और मृतक के परिजननों को पुलिस सुरक्षा की मांग रखी. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही दलित समाज के लोगों और संगठन पदाधिकारियों से समझाईस करते रहे, लेकिन मांगों को लेकर बारिश के दौर में भी दलित समाज के लोगों और संगठन पदाधिकारी अस्पताल परिसर में एकजुटता के साथ डटे रहे. मृतक के परिजनों के अलावा मौजूद लोगों का नेतृत्व कर रहे भीम सेना जिला अध्यक्ष कमल सिंह, मेघवाल विकास समिति यूथ जिला अध्यक्ष रामनाथ मेघवाल, एडवोकट खेमचन्द धामाणी, दलित नेता प्रदीप संगवैया, रवि रसगोन, मामचन्द मेघवाल सहित अनेक संगठनों के पदाधिकारी चिकित्सालय में मौजूद रहे. परिजनों नें दोषियों को गिरफ्तार नहीं किये जाने तक शव नहीं उठाने की चेतावनी दी. मृतक के शव का चिकित्सकों की ओर से पोस्टमार्टम करा दिया गया, लेकिन पुलिस-प्रशासन द्वारा काफी समझाइश के बाद भी परिजन अपनीं मांगों पर अड़ें रहे तथा शव लेने से साफ मना कर दिया. खबर लिखे जाने तक चिकित्सालय परिसर में सैकड़ों लोगों की भीड़ रही तथा शव को परिजनों द्वारा नहीं लिया गया.

इनका कहना है - 
मामले में पुलिस उपाधीक्षक बास किशनगढ़ अतुल अग्रे का कहना है कि प्रकरण को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है निष्पक्ष जांचकर कार्यवाही की जायेगी. वहीं उपखंड किशनगढ़ बास एसडीएम गंगाधर मीना  ने कहा कि मामले को लेकर दलित समाज के लोगों और संगठनों के पदाधिकारियों नें मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत, कैबीनेट मन्त्री टीकाराम जूली, जिला कलक्टर अलवर पुलिस अधीक्षक भिवाड़ी के नाम चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है, जिसे जिला कलक्टर को अवगत कराकर पत्र पे्रषित कर दिया गया है. 

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