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हाथरस वाले 'भोले बाबा' को लेकर अलवर से बड़ा खुलासा, 17 से 18 साल की लड़कियों को गाड़ी में लेकर घूमता था...

Rajasthan Crime News:उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध संत का एक आश्रम अलवर जिले के खेरली क्षेत्र के सहजपुरा गांव में स्थित है.खेड़ली के सहजपुरा गांव स्थित भोले बाबा के आश्रम पर वहां के लोगों से काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आये.

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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jul 06, 2024, 11:42 AM IST

Rajasthan Crime News:उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध संत का एक आश्रम अलवर जिले के खेरली क्षेत्र के सहजपुरा गांव में स्थित है. इस संत के दर्शन करने पहुंचे श्रृद्धालुओं की भगदड़ के दौरान लगभग 122 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. 

खेड़ली के सहजपुरा गांव स्थित भोले बाबा के आश्रम पर वहां के लोगों से काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. वहां आश्रम पर मौजूद बाबा के सेवादार से जानकारी ली तो बाताया कि बाबा 2020 में आये थे .उसके बाद यहां से चले गए. बाबा के दर्शन के लिए काफी संख्या में भक्त दर्शन करने आते थे. यहां किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं हुई. 

हालांकि यहां के सेवादार हाथरस की घटना को एक षड्यंत्र बताते हैं. सेवादार ने बताया की बाबा यहां काफी बार कार्यक्रम कर चुके हैं. करीब डेढ़ बीघा जमीन में बाबा का आलीशान आश्रम बना हुआ है. जिसमें सोफ़ा, बैड, ऐसी आदि लगे हुए हैं. दर्शन के लिए एक हॉल बना हुआ है. जिसमें लोग बाबा के दर्शन के करते थे और आशीर्वाद लेते थे. वर्ष 2008-09 में आश्रम बना था. 

बाबा का कुछ अलग ही रहस्य सामने आए . जहां लोगों ने बताया कि स्थानीय लोगों को तो बाबा के सेवादारों द्वारा एन्ट्री ही नहीं दी जाती थी. स्थानीय लोगों व महिलाओं को बाहर से ही भगा दिया जाता था. जमीन मालिक देवी राम ने बताया कि बाबा ने सीधेपन का फायदा उठाते हुए उसकी जमीन ले ली और रजिस्ट्री करा ली. जो जमीन तय हुई उससे ज्यादा जमीन ले ली और उससे साइन करा लिये. यहां तक की किसी भी प्रकार के कागज नहीं दिए.

अन्य लोगों से जब बात की तो बाबा के कारनामे की पोल खुली जहां उन्होंने बताया की बाबा गाड़ी में बैठकर आता था, जिसके साथ सत्रह से अठारह साल की लड़कियां साथ होती थी और उन्हें अंदर साथ लेकर जाता था. आश्रम के अंदर गांव के लोगों को एन्ट्री नहीं दी जाती थी. 

बाबा अंदर क्या करता था क्या नहीं, इसका पता नहीं. बाबा के सेवादारों में अधिकतर महिलाएं ही होती थी.वहीं नाम नहीं खोलने की शर्त पर गांव के ही व्यक्ति ने बताया कि सेवादार महिलाओं पर लाठी मारते थे. बुरी तरह से उनको पीटा जाता था. ग्रामीणो ने हाथरस कांड को लेकर बाबा को ही जिम्मेदार ठहराया .

उन्होंने बताया की बाबा ने प्रशासन को ग़लत सूचना दी और वहां सेवादारों की सुरक्षा में भी कमी रही, जिसके कारण यह हादसा हुआ और लगभग 122 लोगों की मौत हो गई. ग्रामीणों ने बताया कि यदि बाबा दोषी नहीं है तो प्रशासन पुलिस से क्यों बचता घूम रहा है. लोगों द्वारा भोले बाबा को ही दोषी बताते हुए उसको गिरफ्तार करने की मांग की.

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