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महाविद्यालय के 1500 बच्चों का भविष्य पहले भाजपा और अब कांग्रेस की चढ़ रहा भेंट, प्रतिनियुक्तियां नहीं हुई रद्द

गोविंदगढ़ महाविद्यालय में 1500 बच्चे अपनी शिक्षा के अधिकार को लेकर संघर्षरत नजर आ रहे हैं जहां कॉलेज में लेक्चरर नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है.

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महाविद्यालय के 1500 बच्चों का भविष्य पहले भाजपा और अब कांग्रेस की चढ़ रहा भेंट, प्रतिनियुक्तियां नहीं हुई रद्द
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Jugal Kishor |Updated: Oct 15, 2022, 04:37 PM IST

Ramgarh: गोविंदगढ़ में वर्ष 1996 में महाविद्यालय खोला गया था जिसको आज पीजी तो कर दिया लेकिन लेक्चररों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है. नेता चाहें भाजपा की हो या कांग्रेस के सिर्फ विगत वर्षों में आश्वासन ही देते हुए नजर आ रहे हैं अब छात्र आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं.

गोविंदगढ़ महाविद्यालय में 1500 बच्चे अपनी शिक्षा के अधिकार को लेकर संघर्षरत नजर आ रहे हैं जहां कॉलेज में लेक्चरर नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है. छात्रों के द्वारा ज्ञापन देते हुए प्रतिनियुक्तियां रद्द करने के लिए ज्ञापन सौंपे गए थे लेकिन समय बीत जाने के बाद अब छात्र सोमवार से आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं.

वहीं कर्मचारियों की प्रतिनियुक्तियां हो जाने के कारण महाविद्यालय के और अन्य भी कार्य बाधित हो रहे हैं यहां तक कि बच्चों के चरित्र प्रमाण पत्र टीसी इसके अलावा अन्य महाविद्यालय के कार्य तो लगभग पूर्ण रूप से बाधित है.

मेवात में शिक्षा के प्रसार के लिए खोला गया

गोविंदगढ़ कस्बे में महाविद्यालय वर्ष 1998 में अस्तित्व में आया जो कि मेवात में पहला महाविद्यालय था सरकार की मंशा यह थी कि मेवात में बालिकाएं अन्यत्र पढ़ने को लेकर पढ़ाई छोड़ देती हैं और महाविद्यालय होने के कारण छात्राओ की शिक्षा हो पाएगी लेकिन आज महाविद्यालय पीजी हो चुका है लेकिन महाविद्यालय की समस्याएं समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं.

महाविद्यालय में तीन लेक्चरर को करने पड़ रहे हैं सभी कार्य

महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य महेंद्र सिंह चौधरी के अनुसार महाविद्यालय का ताला भी उन्हें स्वयं आकर ही खोलना पड़ रहा है क्योंकि जो प्लेसमेंट एजेंसी यहां पर लगाई हुई थी उसका भी टेंडर विगत 30 सितंबर को समाप्त हो गया जिसके कारण संविदा कर्मचारी भी यहां पर मौजूद नहीं है

भाजपा और कांग्रेस की राजनीति में पीस रहे विद्यार्थी

महाविद्यालय में स्टाफ की कमी भाजपा के कार्यकाल से ही चली आ रही है जिसमें वर्ष 2018 के जुलाई माह में विद्यार्थियों के द्वारा आंदोलन किया गया था और तत्कालीन भाजपा सरकार के समय विद्यार्थियों के ऊपर केस दर्ज कर दिए गए थे लेकिन नेताओं के द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद भी महाविद्यालय में लेक्चरर नहीं लगाए गए लेक्चरर नहीं होने की सूरत में मेधावी विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में होता हुआ नजर आ रहा है.

विद्यार्थियों को पहले तो भाजपा के विधायक ज्ञानदेव आहूजा के द्वारा आश्वासन दिए गए थे लेकिन भाजपा सरकार में वह आश्वासन पूरे नहीं हो पाए और अब वर्तमान में यहां कांग्रेस की विधायक साफिया जुबेर खान है जिनके द्वारा दिए गए आश्वासन भी अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं.

 छात्रों की माने तो उनका कहना है कि विधायक यह जरूर कहते हैं कि आप स्वयं बता दीजिए कि कौन लेक्चरर यहां आना चाहता है उसे लगवा देंगे लेकिन क्या सरकार इतनी लाचार हो चुकी है कि अब लेक्चरों की यहां आने की मंशा हो तभी उनकी नियुक्ति हो पाएगी और बच्चों को शिक्षा का पूरा अधिकार मिल पाएगा.

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