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सैकड़ों बीघा सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करने का मामला ,पूर्व मंत्री ने अधिकारियों पर लगाए आरोप

पांच सौ बीघा भूमि में से तीन सौ बीघा के दस्तावेज मौजूद हैं दो सौ बीघा के दस्तावेज जल्द दिए जाएंगे. मंत्री ने मामले में जांच करा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

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सैकड़ों बीघा सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करने का मामला ,पूर्व मंत्री ने अधिकारियों पर लगाए आरोप
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Jugal Kishor |Updated: Jul 23, 2022, 10:48 PM IST

Alwar: अलवर जिले के रामगढ़ में जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों बीगा जमीन को भूमाफियाओं ने सवाईचक भूमि को बंजर भूमि के नाम चढ़ा कर अलॉट कर दिया जो नियमानुसार गलत है. इस खेल में भूमाफियाओं ने सरकार की हजारों बीघा जमीन में बंदरबांट किया है. यह आरोप राजस्थान के पूर्व मंत्री नसरू खां ने प्रेस वार्ता के दौरान लगाए है.

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने पिछले दिनों भी भूमि घोटाले खोले थे. अब एक बार फिर नसरू खान ने रामगढ़ क्षेत्र में स्थानीय जनप्रतिनिधी की सहपरस्ती में भू माफियाओं द्वारा किए गए कारनामों को उजागर करते हुए मंत्री बताया कि जिले के रामगढ़ के गांव ढाढौली स्थित धूणीनाथ रूंध में राजाओं द्वारा गाय चरने के लिए दी गयी. गौचर एवं सवाईचक भूमि को भूमाफियाओं ने यूआईटी, तहसील एवं प्रशासन से सांठगांठ कर गौचर को बंजर बना उसे अपने चहेतों के नाम अलॉटमेंट करा कर बेचा है लेकिन यूआईटी के अधिकारी मौन बैठे हैं.

खान ने बताया कि ढाढोली की तीन सौ बीघा को बंजर बना कर अलॉट कर दिया गया. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी हाथ है. पूर्व मंत्री नसरू खां ने जमाबंदी दस्तावेजों की सत्यप्रति प्रेस के सामने रखते हुए बताया कि दस साल पहले ढाढोली गांव की खसरा नम्बर 147 सवाईचक  में दर्ज है लेकिन बाद में अधिकारियों ने भूमाफियाओं से सांठगांठ कर उसे बजंर बना कर उसे अपने चहेतों को अलॉट कर दिया. जिसे कांग्रेस सरकार के जनप्रतिनिधि की सहपरस्ती में तहसील कार्मिकों एवं प्रशासन ने नई खातेदारी में रूंघ धूणीनाथ की भूमि को बंजर दर्शाते हुए अपने चहेतों को अलॉट करा दी.

पांच सौ बीघा भूमि में से तीन सौ बीघा के दस्तावेज मौजूद हैं दो सौ बीघा के दस्तावेज जल्द दिए जाएंगे. मंत्री ने मामले में जांच करा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

गौचर भूमि का किया रूपांतरण

पूर्व मंत्री नसरूखां ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि रूंघ धूणीनाथ की गोचर भूमि को यूआईटी के नाम चढ़ा दिया. यूआईटी के नाम चढ़ी भूमि को अलॉटमेंट किए जाने की सूचना यूआईटी को है लेकिन नगर विकास न्यास ने इस भूमि को लेकर आज तक कोई वकिल कोर्ट में खड़ा नहीं किया. इधर बिना कोई नियम कायदे के भूमि अलॉटकर उस पर मकानात निर्माण हो चुके हैं लेकिन नगर विकास न्यास इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है.  भूमि का पूर्ण रूप से अवैध तरीके से रूपांतरण एवं अलॉटमेंट हुआ है.

पूर्व मंत्री ने रामगढ़ तहसील क्षेत्र में हुए जमीनों के अलॉटमेंट फाइलों की जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से हुए खुलासे के बाद अधिकारियों पर गाज गिरी है.  इससे हो सकता है फाइल गायब होने लगे. सरकार से मांग है जल्द से जल्द फाइलों को सुरक्षित रखवा जांच की जाए ओर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अलॉटमेंट निरस्त किया जाए.

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