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Year Ender : इन चार बड़े कारणों से हुआ अजमेर का नाम खराब, लेकिन इस बेटे ने किया नाम रोशन

Year Ender : ख्वाजा नगरी अजमेर पूरे साल किसी ना किसी कारण सुर्खियों में रहा. साल की शुरुआत और अंत पेपर लीक के शोर से हो रही है. जबकि साल के बीच कई शर्मसार करने वाली घटनाएं भी हुई

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Year Ender : इन चार बड़े कारणों से हुआ अजमेर का नाम खराब, लेकिन इस बेटे ने किया नाम रोशन
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Anish Shekhar|Updated: Dec 30, 2022, 03:33 AM IST

Year Ender : ख्वाजा नगरी अजमेर पूरे साल किसी ना किसी कारण सुर्खियों में रहा. साल की शुरुआत और अंत पेपर लीक के शोर से हो रही है. जबकि साल के बीच कई शर्मसार करने वाली घटनाएं भी हुई. सद्भाव से सराबोर अजमेर दरगाह शरीफ की सीढ़ियों पर कुछ लोगों ने सिर तन से जुदा का नारा लगा कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. इतना ही नहीं बल्कि दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती के हेट स्पीच का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. हालांकि इन सबके बीच अजमेर के बेटे पराग अग्रवाल ने विश्व पटल पर नाम रोशन किया. 

REET पर बवाल

REET पेपर लीक को लेकर जमार बवाल मचा. यह मुद्दा विधासभा से लेकर संसद तक गूंजा. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित रीट परीक्षा का मामला इतना तूल पकड़ लिया कि बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को पद से बर्खास्त करना पड़ा. इसके विरोध के केंद्र अजमेर और जयपुर रहे.  

हेट स्पीच

उदयपुर में हुए कन्हैयालाल लाल हत्याकांड ने पूरे देश को झंझोर कर रख दिया. इस घटना के पहले और बाद में अजमेर की सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की गई. 17 जून 2022 को अजमेर दरगाह की सीढ़ियों से सिर तन से जुदा का नारा लगाया गया. साथ ही दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती के हेट स्पीच का वीडियो भी जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. हालांकि ख्वाजा नगरी के सद्भाव बिगाड़ने के नापाक मनसूबे कामयाब नहीं पाए. 

 बैंसला अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में उछला जूता

सियासी तौर पर अजमेर का पुष्कर शहर सुर्खियों में रहा. गुर्जर आरक्षण आंदोलन के नायक रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का अस्थि विसर्जन पुष्कर में किया गया. लेकिन अस्थि विसर्जन कार्यक्रम जूते काण्ड ने गहलोत वर्सेज पायलट गुट के सियासी संघर्ष में आग में घी डालने का काम किया. गहलोत समर्थक अशोक चांदना के भाषण के दौरान पायलट समर्थकों ने जूता फेंक दिया था. जिससे सियासी पारा चढ़ गया था. 

अजमेर का बेटा बना ट्विटर का सीईओ

इन सब घटनाओं के बीच अजमेर का नाम विश्व पटल पर गौरवान्वित भी हुआ. अजमेर में जन्मे पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बने. 1984 में पराग का जन्म अजमेर के जेएलएन अस्पताल में हुआ था. उनका परिवार अजमेर के अलग अलग इलाकों में रहा है. हालांकि पराग का ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क से विवाद भी छाया रहा. जिसक बाद उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. 

पर्चा लीक से फिर बवाल

अब साल के अंत में एक बार फिर पेपर लीक का मुद्दा छा गया है. रीट के बाद अब वरिष्ठ अध्यापक ( माध्यमिक शिक्षा विभाग) भर्ती परीक्षा 2022 के ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान एवं शैक्षिक मनोविज्ञान का पर्चा लीक होने से बवाल मच गया है. अजमेर में आरपीएससी मुख्यालय होने के चलते अभ्यर्थियों से लेकर सियासतदानों के लिए अजमेर सेण्टर पॉइंट बन गया है. 

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