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नसीराबाद अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी, परेशान हो रहे मरीज और परिजन

राजकीय सामान्य चिकित्सालय में सेकंड ग्रेड के कुल 38 पद स्वीकृत है, जिनमें से मात्र 13 नर्सिंग स्टाफ है. इन्हीं 13 नर्सिंग स्टाफ में से स्टोर और फारर्मेसिस्ट पद के कार्य पर लगाने के कारण इतने बड़े अस्पताल में एक दर्जन भी नर्सिंग स्टाफ नही है. इनमें से 1-2 नर्सिंग स्टाफ की अवकाश पर जाने से परेशानियों का ग्राफ और बढ़ जाता है. 

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नसीराबाद अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी, परेशान हो रहे मरीज और परिजन
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Manveer Singh|Updated: Oct 22, 2022, 12:40 PM IST

Nasirabad: नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद में नर्सिंग स्टाफ की अत्यधिक कमी के कारण रोगियों एवं उनके परिजनों को भारी समस्याएं उठानी पड़ रही है. इतना ही नहीं, बल्कि नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी के चलते इस अस्पताल में शेष नर्सिंग स्टाफ को कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार, डेढ़ सौ शैया वाले राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद में नर्सिंग स्टाफ के 51 पद स्वीकृत है. लेकिन इनमें से मात्र 13 नर्सिंग स्टाफ कार्यरत है. अधिकांश नर्सिंग स्टाफ का या तो स्थानांतरण हो गया अथवा कुछ सेवानिवृत्त हो गए. धीरे-धीरे हालात यहां तक पहुंच गए कि इतने बड़े चिकित्सालय में 51 में से मात्र 13 नर्सिंग स्टाफ शेष रहा है. ऐसे हालात में चिकित्सालय की व्यवस्थाएं कायम रखना असंभव सा प्रतीत होने लगा है. 

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजकीय सामान्य चिकित्सालय में सेकंड ग्रेड के कुल 38 पद स्वीकृत है, जिनमें से मात्र 13 नर्सिंग स्टाफ है. इन्हीं 13 नर्सिंग स्टाफ में से स्टोर और फारर्मेसिस्ट पद के कार्य पर लगाने के कारण इतने बड़े अस्पताल में एक दर्जन भी नर्सिंग स्टाफ नही है. इनमें से 1-2 नर्सिंग स्टाफ की अवकाश पर जाने से परेशानियों का ग्राफ और बढ़ जाता है. गौरतलब बात तो यह है कि इस चिकित्सालय में प्रथम ग्रेड नर्सिंग के 13 में से मात्र एक नर्सिंग स्टाफ शेष रहा है. इतने बड़े अस्पताल में एक दर्जन से भी कम नर्सिंग स्टाफ शेष रह जाने से आपातकालीन कझ, बच्चों, महिला, पुरुष, इंजेक्शन कक्ष, ड्रेसिंग कक्ष, गायनिक आदि में सेवाएं लेना असंभव हो चुका है.

नर्सिंग स्टाफ को संविदा पर रखना नामुमकिन 
उल्लेखनीय है कि अस्पतालों में रोगी की पर्ची बनाने के लिए उससे 10 रूपए लिए जाते थे. जो कि अस्पताल की मेडिकल रिलीफ सोसायटी में जमा होते थे और इस राशि से चिकित्सालय में आवश्यक कार्यों पर व्यय करने में सहूलियत होती थी लेकिन अब रोगियों से पर्ची की शुल्क लेना भी बंद कर देने से मेडिकल रिलीफ सोसायटी में भी राशि नहीं होने के कारण नर्सिंग स्टाफ को संविदा पर रखना नामुमकिन हो चुका है और ना ही राजस्थान सरकार की तरफ से नर्सिंग स्टाफ की नियुक्तियां करके स्टाफ की कमी पूर्ति की जा रही है.

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इस संदर्भ में राजकीय सामान्य चिकित्सालय के प्रभारी डॉ विनय कपूर से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि नर्सिंग स्टाफ की कमी के संदर्भ में उच्चाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है एवं शीघ्र नर्सिंग स्टाफ बढ़ने की संभावना है. 

इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. के. सोनी से चर्चा की गई तो उन्होंने जानकारी दी कि उन्हें नसीराबाद चिकित्सालय में नर्सिंग स्टाफ की कमी के बारे में जानकारी मिली है और शीघ्र ही कुछ स्टाफ लगाने का प्रयास किया जाएगा.

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