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किशनगढ़ में वादे के चार साल बाद भी विधायक ने नहीं ली सड़क की सुध, हालात हुए बदतर

निर्दलीय विधायक सुरेश टाक के वादे करीब चार साल बाद भी धरातल पर नजर नहीं आ रहे है. तीन साल पहले हुई घोषणाओं के बाद जिस तरह प्रचार कर वाहीवाही लूटी गई, मौजूदा दौर में वो सौगातें सपना नजर आ रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र के सड़को की हालत बदतर हो गई है.  

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किशनगढ़ में वादे के चार साल बाद भी विधायक ने नहीं ली सड़क की सुध, हालात हुए बदतर
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Manveer Singh|Updated: Aug 29, 2022, 07:21 PM IST

kishangarh: विकास के बात पर प्रदेश की गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक सुरेश टाक के वादे करीब चार साल बाद भी धरातल पर नजर नहीं आ रहे है. तीन साल पहले हुई घोषणाओं के बाद जिस तरह प्रचार कर वाहीवाही लूटी गई, मौजूदा दौर में वो सौगातें सपना नजर आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव में सबसे अहम सड़क के मुद्दे पर भी विधायक कार्यकाल में अहम उपलब्धि हासिल की हो विधानसभा क्षेत्र के सड़को की हालात देख नजर नहीं आता है. इन सब के बीच विधायक टाक और चेयरमैन नगर परिषद के बीच जारी विवाद के कारण भी पिछले लंबे वक्त से विकास कार्य रुके पड़े हैं.

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शहर के मुख्य मार्ग अजमेर रोड के लिए 25 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क भी बनने से पहले ही बंद हो गई, जिसके कारण पहले से सड़कों की दुर्दशा झेल रहे शहरवासी अब उखड़ी सड़क की मार भी झेल रहे हैं. हालांकि निर्माणाधीन सड़क के लिए पोस्टर-बैनर लगाकर स्मार्ट सिटी का सपना दिखाने वाले विधायक सुरेश टाक मौजूदा दौर में गड्ढे में तब्दील हुई सड़को के गड्ढे भी रिपेयर नहीं करवा पा रहे. इसके लिए बकायदा विधायक सुरेश टाक ने बाइक पर बैठाकर PWD चीफ इंजीनियर को सड़कों के हालात दिखाए थे, लेकिन समय बीत जाने के बाद भी गड्डो पर पेचवर्क शुरू नही हो पाया. उड़ती धूल और गड्ढों के जोखिम भरे सफर में अब बाइक की सवारी खतरों से भरी है. इसको लेकर भी सोशल मीडिया पर लोग मीम बनाकर अपनी पीड़ा जाहिर कर रहे है.

विधायक सुरेश टाक के कार्याकाल की अहम घोषणाएं में शामिल पुराना रेलवे स्टेशन आरयूबी व जिला हॉस्पिटल में CT स्किन मशीन जैसी कई सौगातें थीं, लेकिन कागजों में हुई घोषणाओं को लेकर कभी धरातल पर काम नही हुआ. जिस विकास के मुद्दे पर विधायक टाक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं उसके बाद भी किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ब्यूरोक्रेट्स नहीं लगवा पा रहे हैं. नगर परिषद के आयुक्त का पद काफी समय से खाली है. उपखण्ड अधिकारी परसाराम सैनी इसका अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं, लेकिन व्यस्तता के कारण पूरा समय परिषद को देना सम्भव नही साथ ही नगर परिषद के कई अहम पदों पर भी अधिकारियों के नहीं होने से जहां एक ओर प्रशासन शहरों के संग सीवर प्रभावित हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर शहर के विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. विकास के मुद्दे पर समर्थन देने वाले विधायक सुरेश टाक क्या सिर्फ बातों से विकास करेंगे या धरातल पर भी कुछ होगा आने वाले वक्त में अहम सवाल रहेगा.

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