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जेल प्रहरियों का मैस बहिष्कार: ब्यावर जेल की सुरक्षा को लेकर बढ़ा खतरा, 11 सुरक्षाकर्मी अस्पताल में भर्ती

अजमेर न्यूज: जेल प्रहरियों के मैस बहिष्कार के चलते ब्यावर जेल की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है. ब्यावर की जेल की सुरक्षा में तैनात 11 सुरक्षाकर्मी अस्पताल में भर्ती हो गए हैं.

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जेल प्रहरियों का मैस बहिष्कार: ब्यावर जेल की सुरक्षा को लेकर बढ़ा खतरा, 11 सुरक्षाकर्मी अस्पताल में भर्ती
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Ashok singh Bhati|Updated: Jun 28, 2023, 04:38 PM IST

Ajmer: पुलिस के समान वेतनमान और वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर प्रदेश भर के जेल प्रहरी और सुरक्षाकर्मी मैस के बहिष्कार पर चल रहे हैं. विगत 21 जून से चल रही इस बहिष्कार प्रतिष्ठा के कारण  सुरक्षाकर्मियों की हालत लगातार खराब हो रही है.

वेतन विसंगति दूर करने के लिए आंदोलन

अजमेर जिले के ब्यावर उप कारागृह में 130 बंदी बंद है. यह सभी अलग-अलग मामलों में जेल पहुंचे हैं लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए  केवल तीन प्रहरी ही बचे हैं. बाकी सभी प्रहरी मैस के बहिष्कार के चलते अस्पताल पहुंच गए. जिनकी हालत लगातार बिगड़ रही है. सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि राजस्थान सरकार उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील नहीं है. लंबे समय से पुलिस के समान वेतनमान और वेतन विसंगति दूर करने के लिए आंदोलन किया जा रहा है.

 8वें दिन भी जारी बहिष्कार

मुख्यमंत्री और सरकार द्वारा सभी को आश्वस्त भी किया गया कि उनकी मांगों को जल्द मान लिया जाएगा और समझौता भी लागू कर दिया जाएगा लेकिन फिर भी उनके साथ कुठाराघात किया गया और उनकी मांगे नहीं मानी गई. ऐसे में अब जेल की सभी सुरक्षाकर्मी और प्रहरियों ने सामूहिक रूप से लिखित आदेश तक बहिष्कार शुरू किया है और यह 8वें दिन भी जारी है.

ब्यावर कारागृह में 130 कैदी बंद 

ऐसे में ब्यावर स्थित उप कारागृह में केवल तीन सुरक्षाकर्मी अपनी सेवाएं देने के लिए बचे हैं. बाकी सभी इन 8 दिन के भीतर अस्पताल पहुंच गए और जेल की सुरक्षा को लेकर भी लगातार खतरा बढ़ रहा है. ब्यावर के राजकीय अस्पताल में भर्ती सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि ब्यावर कारागृह में 130 कैदी बंद है जिनकी सुरक्षा के लिए 14 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे लेकिन उनकी मांगे नहीं मानने पर अब केवल तीन ही सुरक्षाकर्मी बच्चे हैं बाकी सभी अस्पताल में भर्ती हो गए हैं.

लिखित आदेश आने तक आंदोलन जारी

ऐसे में अब सुरक्षा को लेकर भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं. साथ ही इस समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है लेकिन राज्य सरकार अब तक उनकी मांगों पर कोई विचार-विमर्श नहीं कर रही और जब तक इस मामले में लिखित आदेश नहीं होंगे यह आंदोलन जारी रहेगा.

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