Rahul Gandhis mike switched off row: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र का आगाज हंगामे से हुआ. संसद पुरानी हो या नई. सरकार NDA की हो या UPA की. कुछ चीजें 20 साल में जरा भी न बदलीं. जैसे सत्ता पक्ष के बोलने पर विपक्ष का हो-हंगामा और चिल्लम चिल्ली. कुछ अप्रत्याशित चीजों की बात करें तो राहुल गांधी ने विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए स्पीकर से कहा- 'सर मेरा माइक तो ऑन कीजिए'. ये सुनते ही अध्यक्ष बोले- 'माइक मैं बंद नहीं करता, यहां कोई बटन नहीं होता.' सवाल यह है कि फिर लोकसभा में सांसदों के माइक ऑन-ऑफ कौन करता है?'
लोकतंत्र का 'माइक टैस्टिंग' चेक
संसद में अपनी आवाज़ दबाने का विपक्ष का पुराना आरोप है. ऐसे में आरोप लगा कि लोकसभा में राहुल गांधी का माइक म्यूट कर दिया गया. वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे का भी माइक बंद कर दिया गया, आवाज़ दबा दी गई. लोकसभा और राज्यसभा में कैसे म्यूट हो जाती है? ये कोई टेक्निकल फॉल्ट है या फिर राजनीतिक ग्लिच है? स्पीकर ने कहा- उनके पास ON-OFF का बटन नहीं है. तो फिर बटन किसके पास है आज हम आपको बताएंगे.
लोकसभा में राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बीच NEET पर चर्चा चाहते थे. स्पीकर उन्हें रूल बता रहे थे. तभी राहुल का माइक कुछ सेकंड म्यूट हो गया. विपक्ष ने शोर किया, तो स्पीकर ने साफ किया कि उनके पास ON-OFF का बटन नहीं होता है.
संसद में माइक का कंट्रोल कि्सके पास?
स्पीकर के पास नहीं होता ON-OFF बटन
लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के माइक ऑन या ऑफ करने के लिए अध्यक्ष या सभापति के पास कोई स्विच नहीं होता. अब सवाल ये है कि बहस के बीच किसी का माइक यदि बंद कराना जरूरी ही हो तो क्या व्यवस्था है? इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष सीधे तौर पर माइक बंद करने के लिए नहीं कहते. ऐसे निर्देश संकेतों में दिए जाते हैं. संसद सदस्यों के माइकों के स्विच लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के दोनों ओर बैठे साउंड इंजीनियरों के पास होते हैं. केवल उन्हीं के पास हर MP के माइक का नंबर और उसकी कंट्रोलिंग पावर होती है.
ये बात रिकार्ड पर नहीं जाएगी.... (इसे समझना जरूरी)
उदाहरण के लिए जीरो ऑवर में हर MP को अपनी बात कहने के लिए मात्र तीन मिनट का टाइम मिलता है. जैसे ही मियाद पूरी होती है, माइक बंद हो जाता है. यानी साफ है स्पीकर यानी आसन से कमांड आने पर साउंड इंजीनियर ही ऑन-ऑफ कर सकते हैं. जैसे ही अध्यक्ष ये कहते हैं कि कोई बात रिकार्ड पर नहीं जाएगी तो माइक बंद कर दिया जाता है. किसी चर्चा के दौरान बीच में बोलने वाले सदस्य का माइक भी बंद कर दिया जाता है.
कैसे शुरू हुआ स्पीकर विवाद?
दरअससल राहुल गांधी लोकसभा में पुरानी लीक के बजाए नई रीत पर आगे बढ़ने पर अड़े थे. परंपरा ये है कि संसद सत्र की शुरुआत में जब राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित करती हैं तो उसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में उनके अभिभाषण पर चर्चा होती है. फिर अन्य मुद्दों पर सवाल-जवाब यानी चर्चा का दौर आगे बढ़ता है.
'म्यूट कांड' और बात निकली तो कहां तक गई
राहुल गांधी का कहना था कि युवाओं को यह मैसेज देने के लिए कि सरकार और विपक्ष दोनों उनके साथ है, इसलिए अभिभाषण के बजाए नीट पेपर लीक पर चर्चा होनी चाहिए. इसी दौरान ये म्यूट-म्यूट एपिसोड का जिन्न सामने आ गया.
बात निकली तो दूर तक गई. वैसे भी राहुल गांधी जब फरवरी में लंदन गये थे तो वहां भी उन्होंने कहा था कि संसद में हमारे माइक बंद कर दिये जाते हैं.
कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल ने भी फौरन X पर वीडियो दागते हुए लिखा- 'जब मोदी NEET पर चुप रहे, उस वक्त विपक्षी नेता राहुल गांधी युवाओं की आवाज़ उठा रहे हैं. लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी हरकत करके युवाओं की आवाज दबाने की साजिश हो रही है.'