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Rahul Gandhi Attacks PM Modi: 'अडानी भ्रष्टाचार के प्रतीक...', कोई ताकत पीएम मोदी से सवाल पूछने से रोक नहीं सकती

Rahul Gandhi Attacks Gautam Adani: राहुल ने आरोप लगाया कि डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में काम करने वाली अडाणी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है. कंपनी के मालिक ने अपनी कागजी कंपनी में एक चीनी शख्स को नियुक्त किया है. राहुल ने कहा, अडाणी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं.

Rahul Gandhi Attacks PM Modi: 'अडानी भ्रष्टाचार के प्रतीक...', कोई ताकत पीएम मोदी से सवाल पूछने से रोक नहीं सकती
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Rachit Kumar|Updated: Apr 16, 2023, 09:30 PM IST

Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक के चुनावी रण का बिगुल बज चुका है. तमाम राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं के बीच जाकर अपने लिए वोट मांग रही हैं. इस बीच रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी ग्रुप का नाम लेते हुए पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला. कर्नाटक के कोलार में राहुल ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी सरकार से डरते नहीं हैं. अडानी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं.

चली गई राहुल की सदस्यता

साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कोलार में राहुल ने मोदी सरनेम वाली एक टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया गया था और उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी. 29 मार्च को कर्नाटक विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद राज्य में पहली यात्रा पर आए राहुल ने  अडानी मुद्दे के जरिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और पूछा कि अडानी और पीएम मोदी के संबंध कैसे हैं.

'डरने वालों में से नहीं हूं'

राहुल ने कहा, 'मुझे संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया. वे (मोदी सरकार) सोचते हैं कि वे मुझे हटाकर और धमकाकर डराएंगे. मैं डरने वालों में से नहीं हूं.' गांधी ने कहा, 'जब तक मुझे जवाब नहीं मिलता, मैं यह सवाल पूछता रहूंगा. आप मुझे अयोग्य ठहराएं, मुझे जेल में डाल दें या जो चाहें करें, मैं डरने वाला नहीं हूं.'

राहुल ने आरोप लगाया कि डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में काम करने वाली अडाणी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है. कंपनी के मालिक ने अपनी कागजी कंपनी में एक चीनी शख्स को नियुक्त किया है. राहुल ने कहा, अडाणी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं, अडानी के साथ आपका क्या संबंध है, जिन्हें भारत में एयरपोर्ट दिए जा रहे हैं? उन्हें ठेका देने के लिए नियम बदले जाते हैं. नियम क्यों बदले जा रहे हैं?' कांग्रेस नेता ने कहा कि अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट चलाने का कोई अनुभव नहीं है, जो ऑपरेटिंग के लिए शर्त है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी गई. गांधी ने आरोप लगाया, जिनके पास एयरपोर्ट्स थे, उन्हें सीबीआई-ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों से फंसवाया गया और फिर ये एयरपोर्ट्स अडानी को दे दिए.'

'सत्ता में आए तो पूरे करेंगे ये वादे'

उन्होंने कहा, कुछ दिनों में कांग्रेस सरकार कर्नाटक में सत्ता संभालेगी. सवाल यह है कि सत्ता में आने के बाद वह क्या करेगी? वह युवाओं, महिलाओं और गरीबों को क्या देगी? राहुल ने कहा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में चुनाव के बाद मुख्यमंत्रियों ने मुझसे पूछा कि उन्हें क्या करना है. मैंने उनसे कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में चुनाव में लोगों को दिए गए आश्वासनों को पूरा करें. इसमें एक या दो साल नहीं लगने चाहिए.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाग्य ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृहलक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये भत्ता, अन्न भाग्य योजना के तहत बीपीएल परिवार के हर सदस्य को 10 किलो मुफ्त चावल और ग्रेजुएट्स के लिए 3,000 रुपये, डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये भत्ता के वादे पहली कैबिनेट बैठक में पूरे किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और देश के लोगों में यह संदेश जाना चाहिए कि अगर अडानी और अन्य कारोबारियों को हजारों करोड़ दिए जा सकते हैं, तो कांग्रेस सरकार गरीबों, महिलाओं और युवाओं को ये पैसे दे सकती है.

'सब कुछ अडानी को दे रही मोदी सरकार'

आरोपों का सिलसिला जारी रखते हुए राहुल ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में प्रधानमंत्री मोदी को उनके समकक्ष और गौतम अडानी के साथ देखा गया था और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की तत्कालीन सीनियर अफसर भी उनके बगल में दिखी थीं. गांधी ने कहा कि अगले ही दिन एसबीआई ने अडाणी को लोन दे दिया.

राहुल ने दावा किया कि श्रीलंका में एयरपोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष ने कहा कि (श्रीलंका के) राष्ट्रपति ने उन्हें बताया कि मोदी ने अधिकारियों से अडानी की मदद करने के लिए कहा था. गांधी ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाते हैं और ठेका अडानी को मिल जाता है. प्रधानमंत्री इजराइल जाते हैं और अडानी को सीमेंट और हवाई अड्डे के ठेके मिलते हैं.'

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह पहले ही अडानी की शेल कंपनियों से संबंधित 20,000 करोड़ रुपये का मुद्दा उठा चुके हैं और जानना चाहते हैं कि यह पैसा किसका था. गांधी ने कहा कि इन सवालों को उठाने पर सत्ताधारी पार्टी ने संसद नहीं चलने दी.

(PTI इनपुट के साथ)

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