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Paper Leak: पेपर लीक रोकने को मोदी सरकार ले आई तगड़ा बिल, 5-10 साल तक जेल और 1 करोड़ जुर्माना

Prevent Paper Leaks in Exams: पेपर लीक और नकल रोकने के लिए मोदी सरकार सख्त बिल संसद में लेकर आई है. इसमें न सिर्फ सरकारी परीक्षाओं में घपला करने वालों को जेल में डालने का प्रावधान किया गया है बल्कि सर्विस प्रोवाइडर फर्म पर भी तगड़ा फाइन लगाया जाएगा.

Paper Leak: पेपर लीक रोकने को मोदी सरकार ले आई तगड़ा बिल, 5-10 साल तक जेल और 1 करोड़ जुर्माना
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Anurag Mishra|Updated: Feb 05, 2024, 01:25 PM IST

Paper Leak Bill in Parliament: पेपर लीक के मामलों पर फुल स्टॉप लगाने के लिए मोदी सरकार आज संसद में महत्वपूर्ण बिल ले आई है. जी हां, इससे संबंधित The Public Examination (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024 लोकसभा में पेश किया गया. इसका मकसद प्रमुख परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकना है. इस बिल में पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन साल से पांच साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. हालांकि संगठित अपराध के लिए बिल में 5 से 10 साल की सजा का नियम बनाया गया है. दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पर भी कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

क्या है लोक परीक्षा विधेयक?

  • सभी अपराध गैर जमानती
  • 3 से 5 साल तक की सजा
  • 10 लाख से 1 करोड़ तक जुर्माना
  • जांच का खर्च भी देना होगा
  • संस्था या समूह शामिल तो संपत्ति कुर्क
  • सभी तरह की परीक्षाओं पर लागू

लाखों युवाओं के लिए अच्छी खबर

सरकार का मानना है कि कानून सख्त होने से परीक्षाओं में धांधली रुकेगी. पेपर लीक के साथ नकल पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा. यह बिल ऐसे समय में आ रहा है जब कुछ दिन पहले ही झारखंड में सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) नियुक्ति परीक्षा का पेपर लीक होने से रांची में हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया था. पेपर लीक होने से कई राज्यों में परीक्षाएं रद्द हुई हैं. ऐसे में लाखों परीक्षार्थियों की मेहनत बेकार हो जाती है.

UPSC से लेकर रेलवे परीक्षा

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक संसद में पेश किया. इसमें पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन से पांच साल की सजा का प्रस्ताव है. बिल का उद्देश्य UPSC, SSC, रेलवे, नीट, जेईई और सीयूईटी सहित तमाम परीक्षाओं में चीटिंग को रोकना है. इन परीक्षाओं में लाखों की संख्या में युवा भाग लेते हैं. 

सर्विस प्रोवाइडर की भी 'खटिया खड़ी'

हां, परीक्षाओं में सर्विस प्रोवाइडर फर्मों के लिए भी सख्त कानून का प्रस्ताव किया गया है. इसके तहत दंड के रूप में 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही फर्म से परीक्षा कराने पर हुए पूरे खर्च की वसूली की जाएगी. अपराध साबित होने पर फर्म को 4 साल के लिए सरकारी परीक्षाएं आयोजित करने से भी रोक दिया जाएगा.

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