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Chandrayaan-3: 'जल्दी वहां से पीछे हटो..', विक्रम के कहते ही प्रज्ञान ने लगाया ब्रेक, बदला रास्ता

Crater On Moon: यह सब तब हुआ जब चांद की सतह पर अचानक चार मीटर का गड्ढा आ गया. इसके बाद जो हुआ वह इसरो ने खुद इसके बारे में बताया है. तुरंत प्रज्ञान रोवर का रास्ता बदला गया और उसे वहां से पीछे वापस बुलाया गया है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी मजेदार प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.

Chandrayaan-3: 'जल्दी वहां से पीछे हटो..', विक्रम के कहते ही प्रज्ञान ने लगाया ब्रेक, बदला रास्ता
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Gaurav Pandey|Updated: Aug 28, 2023, 07:01 PM IST

Pragyan Rover Path: चंद्रयान-3 की शानदार सफलता के बाद अब चांद की सतह पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का काम शुरू हो गया है. इसरो लगातार इसके बारे में अपडेट दे रहा है. इसी बीच एक बड़ी ही रोचक घटना घट गई है. असल में चांद की सतह पर चल रहे प्रज्ञान रोवर के सामने अचानक चार मीटर व्यास वाला गहरा गड्ढा आ गया. इसके बाद रोवर को निर्देश दिया गया और उसने तत्काल यू-टर्न लेते हुए वापस का रास्ता नापना शुरू कर दिया. इसरो ने खुद इसके बारे में ट्विटर यानी कि एक्स पर बताया है. 

अचानक 4 मीटर का गड्ढा मिला
इसरो ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए सोमवार को लिखा कि रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाला गड्ढा मिला है. रोवर को रास्ते पर वापस लौटने का आदेश दिया गया है. यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर बढ़ रहा है. यह घटना एक दिन पहले यानि कि 27 अगस्त की है. इसरो के इस बयान का मतलब यह हुआ कि यह स्थिति खतरनाक हो सकती थी. गनीमत यह रही कि इसरो की देखरेख में विक्रम लैंडर का निर्देश पाते ही प्रज्ञान रोवर तुरंत वापस लौट आया.

प्रज्ञान रोवर पूरी तरह सुरक्षित
फिलहाल इसरो ने बताया है कि प्रज्ञान रोवर पूरी तरह सुरक्षित है और अब एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. प्रज्ञान रोवर 26 किलोग्राम का है और यह छह पहियों वाला है. विक्रम लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रज्ञान रोवर में लगे उपकरण चांद के रहस्यों की खोज में जुटे हुए हैं और इसकी जानकारी विक्रम लैंडर की मदद से इसरो को भेजी जा रही है. इससे पहले रविवार को इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे पेलोड से चांद की सतह पर मापी गई थी.

 

मून डे में नौ दिन बचा 
इसरो की ओर से जारी किए गए ग्राफ में चांद की सतह का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस से 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तक दिखाई दे रहा है. मालूम हो कि अभी भी मून डे में नौ दिन बचा हुआ है. इससे पूर्व इसरो की कोशिश है कि प्रज्ञान चांद की सतह पर अधिकतम दूरी को कवर कर ले. रोवर के उपकरण एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं और सभी उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं. इसका कारण यह है कि मून डे के खत्म होते ही चांद पर अंधेरा हो जाएगा.

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