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Mehul Choksi: मेहुल चोकसी ने काफी पहले कर ली थी भारत से भागने की तैयारी, ईडी ने कोर्ट को बताया

PNB Scam: मेहुल चोकसी भारत से भाग तो गया लेकिन अब घबराया हुआ है. ईडी उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए कोर्ट में दलील रख रही है. अब मेहुल ने कहा है कि एजेंसी ने बार-बार रुख बदला है. पढ़िए ईडी ने विशेष अदालत को क्या बताया.

Mehul Choksi: मेहुल चोकसी ने काफी पहले कर ली थी भारत से भागने की तैयारी, ईडी ने कोर्ट को बताया
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Anurag Mishra|Updated: Sep 20, 2024, 10:36 AM IST

PNB Fraud Case: ईडी ने एक विशेष अदालत को बताया है कि फरार चल रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने भारत से भागने की प्लानिंग काफी पहले बना ली थी. जी हां, पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में एफआईआर दर्ज होने से दो महीने पहले ही नवंबर 2017 में उसने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी. ईडी ने दावा किया कि पीएनबी मामले में एफआईआर दर्ज होने से कुछ दिन पहले चोकसी ने 2 जनवरी 2018 को संदिग्ध परिस्थितियों में भारत छोड़ दिया था. इस मामले में वह मुख्य आरोपी है.

घबराया क्यों हैं मेहुल?

उधर, अपने वकीलों के जरिए चोकसी ने ईडी के आरोपों का खंडन किया है. उसने कहा कि एजेंसी ने अपने दावे के सपोर्ट में कोई भी सामग्री या सबूत पेश नहीं किया. चोकसी इस समय भगोड़े आर्थिक अपराधी (FEO) अधिनियम के तहत कार्यवाही का सामना कर रहा है. इसके तहत केंद्र सरकार को मुकदमा शुरू होने से पहले ही संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है. इसी वजह से मेहुल घबराया हुआ है.

मेहुल ने कब क्या किया

अगस्त में एक विशेष अदालत ने ईडी को यह तय करने के लिए संबंधित दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था कि क्या चोकसी को भगोड़ा आर्थिक घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार हैं. ईडी ने इस महीने की शुरुआत में दस्तावेज जमा किए. ईडी ने बताया है कि मेहुल को पता था कि उसका फ्रॉड जल्द सामने आ जाएगा. इस मंशा से उसने मार्च 2017 के आसपास वीजा के लिए आवेदन किया, फिर 10 नवंबर 2017 को निवेश मोड के जरिए एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली. उसके बाद 16 नवंबर 2017 को एंटीगुआ और बारबुडा का पासपोर्ट हासिल कर लिया.

ईडी ने कहा कि चोकसी ने दावा किया था कि वह भारत आकर जांच में शामिल नहीं हो सकता क्योंकि फरवरी 2018 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था. एजेंसी ने कहा कि चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा के पासपोर्ट पर आसानी से भारत आ सकता था, जिसे उसने नवंबर 2017 में हासिल किया था.

कोर्ट में मेहुल की दलील

हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में उसे 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित करने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को खारिज करने के लिए विशेष पीएमएलए अदालत का रुख किया है. चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी 2018 में सामने आए पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं. उन्होंने ईडी के आवेदन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए तर्क दिया कि एजेंसी ने इस विषय से जुड़ी सामग्री और आधारों के संबंध में अपनी उन दलीलों में बार-बार रुख बदला है, जिसके आधार पर उसका दावा है कि घोटाले के आरोपी को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित किया जाना चाहिए.

ईडी चाहती है कि चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त की जाए. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसके खिलाफ भारत की किसी अदालत द्वारा सूचीबद्ध अपराध पर वारंट जारी किया गया है और वह "आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए देश छोड़ चुका है या विदेश में रहते हुए, आपराधिक अभियोजन का सामना करने के लिए देश लौटने से इनकार करता है" तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है. नीरव मोदी को पहले ही भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है और वह 2019 से लंदन की जेल में है. (भाषा इनपुट के साथ)

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