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PM मोदी ने लाल किले से आम आदमी के लिए किया ये बड़ा ऐलान, सस्ती दवाएं खरीदना अब होगा और आसान

Narendra Modi News: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया हमारे 'वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रीन' के दर्शन से जुड़ रही है. स्वास्थ्य के समावेशी विकास के लिए हमारा रुख 'वन अर्थ, वन हेल्थ' का है. 

PM मोदी ने लाल किले से आम आदमी के लिए किया ये बड़ा ऐलान, सस्ती दवाएं खरीदना अब होगा और आसान
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Zee News Desk|Updated: Aug 15, 2023, 02:28 PM IST

PM Modi Independence Day Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार 'जन औषधि केंद्रों' की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है. उन्होंने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति दी है. बता दें सभी के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए 'जन औषधि केंद्र' स्थापित किए गए हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अगर किसी को मधुमेह हो जाता है, तो उसे करीब 3,000 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है. जिन दवाओं की कीमत 100 रुपये है, जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम उन्हें 10 से 15 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं.’

दुनिया हमारे दर्शन से जुड़ रही है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया हमारे 'वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रीन' के दर्शन से जुड़ रही है. स्वास्थ्य के समावेशी विकास के लिए हमारा रुख 'वन अर्थ, वन हेल्थ' का है. जी20 के लिए भी हम 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' के मंत्र को लेकर चल रहे हैं.’

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के संकट के दौरान दुनिया ने भारत का सामर्थ्य देखा. उन्होंने कहा, ‘जब अन्य देशों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुईं, तो हमने दुनिया की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की वकालत की थी.’

भारत विश्व मित्र के रूप में उभरा है
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने एक अलग आयुष विभाग की स्थापना की और अब दुनिया आयुष और योग पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा, 'दुनिया अब हमारी प्रतिबद्धता के कारण हमें देख रही है.' उन्होंने कहा कि भारत कोविड महामारी के बाद के समय में 'विश्व मित्र' (दुनिया का मित्र) के रूप में उभरा है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोविड के बाद, भारत ने 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य सेवा' दृष्टिकोण की वकालत की. समस्याओं का समाधान केवल तभी किया जा सकता है जब मनुष्यों, जानवरों और पौधों को बीमारियों के संबंध में समान रूप से देखा जाए.’

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