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टक्कर होते ही पलट गईं बोगियां..चीखते-चिल्लाते..एक-दूसरे के ऊपर गिरते लोग, ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट की दर्दनाक तस्वीरें

Odisha Train हादसे में बचे लोगों की ओर से घटना के बारे में दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. लोग अपनों को खोकर बेसुध और अवाक हैं. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों की कई दर्दनाक कहानियां निकलकर सामने आ रही हैं. जिन्हें सुनकर हर कोई कांप उठेगा.

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ओडिशा के बालासोर में बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गई. इस हादसे में अब तक 233 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 900 लोग घायल हुए हैं. यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. 

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दरअसल, सुपरफास्ट ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस तमिलनाडु के चेन्नई से पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन की ओर जा रही थी. यह हादसा शुक्रवार शाम को करीब 7.20 बजे बाहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गए.

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भारतीय रेलवे ने अपने बयान में बताया कि ट्रेन नंबर 12841 चेन्नई सेंट्रल से शालीमार जा रही थी. 2 जून दोपहर 3.30 बजे शालीमार के लिए रवाना हुई थी. शाम 8.30 बजे खड़गपुर डिवीजन में आने वाले बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई. 

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जानकारी के मुताबिक हावड़ा जा रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे. पटरी से उतरे ये डिब्बे शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए.

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कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई.

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फिलहाल अप और डाउन दोनों ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. इधर राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. ओडिशा सरकार मदद के लिए दुर्घटनास्थल पर जनरेटर और रोशनी के साथ पहुंच गई थी. एनडीआरएफ की कई टीमें लगी हुई हैं. 

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ओडिशा ट्रेन हादसे में बचे लोगों की ओर से घटना के बारे में दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. लोग अपनों को खोकर बेसुध और अवाक हैं. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों की कई दर्दनाक कहानियां सुनकर हर कोई कांप उठेगा.

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कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन से चेन्नई जा रहे एक यात्री ने बताया कि हम लोग S5 बोगी में सवार थे. घटना के समय मैं अपनी सीट पर सोया हुया था. अचानक जोर का झटका लगा और बोगी पलट गई. बाद में मैने देखा कि किसी का सिर नहीं था तो किसी का हाथ या पैर कट चुका था. 

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उसने बताया कि हमारी सीट के नीचे एक 2 साल का बच्चा था, जो सुरक्षित बच गया. बाद में हमने उसके परिवार वालों को बचाया. वहीं एक अन्य यात्री ने बताया कि मेरी आंख लग गई थी. जब ट्रेन का एक्सिडेंट हुआ तो मेरी वाली बोगी पलट गई.

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इस हादसे में ज्यादा लोग इसलिए भी मारे गए क्योंकि इसमें दो पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं. जब ट्रेन पटरी से उतरी तो डिब्बों में कई लोग फंस गए. इसके अलावा अंधेरा होने की वजह से अभियान में दिक्कतें आईं हैं.





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