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Parliament Special Session: 75 साल में क्यों नहीं डिगा भारत का लोकतंत्र? राज्यसभा में पीयूष गोयल ने बताई बड़ी बात

Piyush Goyal Statement: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बताया कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो आजादी के बाद ज्यादा समय तक लोकतंत्र के रास्ते पर नहीं चल पाए. लेकिन भारत अब तक डेमोक्रेटिक कैसे है?

Parliament Special Session: 75 साल में क्यों नहीं डिगा भारत का लोकतंत्र? राज्यसभा में पीयूष गोयल ने बताई बड़ी बात
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Vinay Trivedi|Updated: Sep 18, 2023, 01:54 PM IST

Piyush Goyal Speech: संसद (Parliament) का विशेष सत्र (Special Session) शुरू हो चुका है और इस दौरान राज्यसभा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बताया कि क्या वजह है कि गुलामी से आजाद होने के बाद दुनिया के तमाम देशों में लोकतंत्र नहीं टिक पाया लेकिन भारत के लोकतंत्र यात्रा आजादी के बाद से लगातार जारी है. पीयूष गोयल ने कहा कि डेमोक्रेसी को जिंदा रखने और मजबूत बनाने का सबसे बड़ा मंच संसद है. हमारे देश की लोकतंत्र की प्रणाली स्वदेशी आधार पर बनी है. गुलामी से आजाद होने के बाद दुनिया में बहुत कम ऐसे बड़े देश हैं जहां डेमोक्रेसी टिक पाई. भारत भी उनमें से एक है.

भारत है लोकतंत्र की जननी

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में लोकतंत्र दिनों दिन मजबूत हो रहा है. इसमें संसद के दोनों सदनों का बहुत बड़ा योगदान है. भारत लोकतंत्र की जननी है और अगर देश के बहुत प्राचीन इतिहास में जाए तो वैदिक काल में भी ‘समिति’, ‘सभा’ और ‘संसद’ जैसे शब्द मिलते हैं. हमने केवल इन शब्दों को नहीं लिया बल्कि इनकी आत्मा भी संसद के कामकाज में दिखाई देती है.

भारत का लोकतंत्र है प्रेरणादायी

पीयूष गोयल ने उम्मीद जताई कि सभी सदस्य नए संसद भवन में देश के 140 करोड़ लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक नए संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ जाएंगे. उन्होंने पीएम मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र प्रेरणादायी है. देश का संविधान हम सभी को इच्छाशक्ति देता है और संसद देशवासियों के संकल्प व उमंग को शेयर करने का सबसे सही संस्थान है.

भारत के विकसित बनने में होगी सबकी भूमिका

पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत को विकसित देश बनाने का आह्वान किया है. इसमें सभी का योगदान होगा और विपक्ष की सरकार पर कंट्रोल रखने की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर सांसद देशहित और जनहित को सर्वोपरि रखेंगे तो सदन की गरिमा और गौरव निश्चित रूप से बढ़ेगा.

(इनपुट- भाषा)

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