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Jammu Kashmir: कश्मीर में पाकिस्तान की बड़ी साजिश का भंडाफोड़, सुरक्षा बलों ने डिकोड किया महिलाओं से जुड़ा ये प्लान

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों का ऑपरेशन लगातार जारी है. घाटी में लगातार आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है. इस बीच जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. वहीं ये भी पता चल गया है कि आंतकियों तक किस तरह से हथियार पहुचायें जा रहे हैं.

Jammu Kashmir: कश्मीर में पाकिस्तान की बड़ी साजिश का भंडाफोड़, सुरक्षा बलों ने डिकोड किया महिलाओं से जुड़ा ये प्लान
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Manish Shukla|Updated: Aug 11, 2023, 10:01 AM IST

Kashmir Terrorist Pakistan: पाकिस्तान की एक बड़ी शैतानी साजिश का भंडाफोड़ हुआ है. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट से खुलासा हिया है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर लाइन ऑफ कंट्रोल (Line of Control) से जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक हथियारों को पंहुचाने के लिए आतंकी संगठन महिला ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) का सहारा ले रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) एक गांव में रखे गए हथियारों के एक बड़े जखीरे को भारतीय सीमा में भेजे जाने की साजिश रची गई थी जिसे जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुँचाने के लिए महिला OGW को जिम्मेदारी दी गई.

LoC पर एक्टिव आतंकवादियों की मददगार महिलाएं

देखा जाए तो LoC पर बने Anti Infiltration Obstacle System (AIOS) के दूसरी तरफ से जम्मू कश्मीर में हथियारों को ड्रोन से सप्लाई किये जाने की पहले भी कई बार कोशिशें हुई है. जिन्हें सीमा पर सक्रिय OGW के जरिये हथियारों को आतंकियों तक पहुचाये जाने की जानकारी सामने आती रहती है. सुरक्षा बलों की तलाशी में अक्सर OGW पकडे जाते हैं लेकिन सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए महिला OGW का इस्तेमाल किया जा रहा है.

कश्मीरियों का इस्तेमाल जिन्हें LoC के सभी रास्तों की जानकारी

खुफिया एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक सीमा पार से हथियारों को जम्मू कश्मीर में भेजने के लिए पाकिस्तान की ISI उन कश्मीरियों का इस्तेमाल कर रही है जिन्हें LoC के सभी रास्तों की जानकारी है. हथियारों के एक बड़े जखीरे को भारत में दाखिल कराने के  लिए पिछले दिनों लॉचिंग पैड के नजदीक PoK के लीपा में रहने वाले लश्कर के 2 आतंकियो को हथियारों के एक जखीरे को जम्मू कश्मीर में भेजे जाने की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसमें से एक आतंकी कुपवाड़ा का रहने वाला है. 

पहले भी हुआ ऐसा

ये पहली बार नहीं है कि भारत में आतंकियों को दाखिल कराने के साथ साथ हथियारों के कन्साइनमेंट को भारत मे भेजने के लिए लोकल आतंकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस साल 5 मई को सेना ने राजौरी के कुंडली के जंगलों में आतंकियों  के खिलाफ ऑपेरशन में लगे सेना पर हमले के पीछे लश्कर कमांडर साजिद जुट ग्रुप के शामिल होने का शक जताया था. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के कोटली में बैठा लश्कर कमांडर साजिद जुट उर्फ हबीबुल्लाह मालिक और रफीक नई उर्फ सुल्तान ने राजौरी हमले की साजिश रची थी . साथ ही सीमा पार से आतंकियो के दो गुट को भारतीय सीमा में सेना पर हमले के लिए दाखिल कराया गया था.

साजिद जुट और रफीक नाई की साजिश

खुफिया एजेंसियों को शक है कि लश्कर कमांडर साजिद जुट ने रफीक नाई के साथ मिलकर 10-12 आतंकियों को दो ग्रुप में भारत मे घुसपैठ कराने की साजिश रची थी. इन्हीं में से एक ग्रुप के 20 अप्रैल को पूंछ में सेना के ट्रक पर हुए हमले का जिम्मेदार माना गया था. वहीं एजेंसियों को शक है कि सभी आतंकियों को देश की सीमा में घुसपैठ कराने की जिम्मेदारी PoK में बैठे आतंकियों के आकाओं ने रफीक नई को सौंपी थी. रफीक जम्मू का रहने वाला है जिसे घुसपैठ के रास्तों की पूरी जानकारी है. 

तहरीक उल मुजाहिदीन/ गजवनी कमांडर रफीक नाई जिसे सुल्तान के नाम से जाना जाता है उसका काम PoK के टेरर कैंपो में ट्रेनिंग पूरी कर चुके आतंकियों को जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना है.

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