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Mughal History: इस मुगल बादशाह ने नहीं होने दी अपनी एक भी बेटी की शादी, किन्नरों से कराई पहरेदारी

Mughal Dynasty: इस मुगल बादशाह (Mughal Emperor) ने अपनी बेटियों को जिंदगीभर कुंवारी रखा. उसने किसी एक की भी शादी नहीं होने दी. बेटियों के महल में पुरुषों की एंट्री पर उसने बैन लगा रखा था. इस फैसले की वजह दिलचस्प है.

Mughal History: इस मुगल बादशाह ने नहीं होने दी अपनी एक भी बेटी की शादी, किन्नरों से कराई पहरेदारी
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Vinay Trivedi|Updated: Feb 10, 2023, 09:40 AM IST

Mughal Facts: मुगलों (Mughals) के बारे में इतिहास (History) में हम सबने पढ़ा है, लेकिन क्या आपको पता है कि एक मुगल बादशाह ऐसा भी था, जिसने अपनी अकड़ के चक्कर में अपनी बेटियों की शादी नहीं होने दी थी. इस मुगल बादशाह (Mughal Emperor) ने जिंदगीभर अपनी बेटियों को अविवाहित रहने पर मजबूर कर दिया. इतना ही नहीं उसने अपनी बेटियों की पहरीदारी भी किसी पुरुष को नहीं करने दी. वह किसी पुरुष को अपनी बेटियों के पास भी नहीं फटकने देता था. वह अपनी बेटियों के महल की पहरेदारी किन्नरों से करवाता था. मुगल बादशाह की बेटियों की शादी ना होने के पीछे एक दिलचस्प कारण है, आइए उसके बारे में जानते हैं.

बेटियों की शादी नहीं कराने वाला मुगल

बता दें कि बेटियों की शादी नहीं करवाने वाला मुगल बादशाह कोई और नहीं बल्कि अकबर (Akbar) था. अकबर की तीन बेटियां थीं और उसने इनमें से किसी एक की भी शादी नहीं करवाई थी. अकबर की बेटियों ने पूरी जिंदगी अकेले ही गुजारी थी. बेटियों की शादी नहीं करवाने की अकबर की जिद के पीछे की वजह चौंकाने वाली है.

शादी ना होने देने का कारण

जान लें कि मुगल बादशाह अकबर को किसी के आगे झुकना नागवार था. उसे झुकना बिल्कुल भी पसंद नहीं था. उसे इस बात का डर था कि अगर वह अपनी बेटियों की शादी करवाता है तो उसे दूल्हे के पिता के सामने अपना सिर झुकाना पड़ेगा. इसी कारण से अकबर ने अपनी बेटियों की शादी नहीं करवाई. उनको जिंदगीभर कुंवारा रखा.

महल में पुरुषों की एंट्री पर बैन

गौरतलब है कि मुगल बादशाह अकबर के इस अनोखे फैसले की वजह से उसकी बेटियों की शादी नहीं हो पाई. उसकी बेटियां जिंदगीभर अपने पिता के घर में ही रहीं. इतना ही नहीं अकबर की बेटियां जहां रहती थीं, वहां पुरुषों की एंट्री पर बैन था.

आपको जानकर हैरानी होगी कि अकबर की बेटियों की रक्षा किन्नर करते थे. महल के दरवाजे पर किन्नरों को तैनात किया गया था. हालांकि, लोगों की अकबर के इस अजीबोगरीब फैसले पर अलग-अलग राय है. कोई इसे बेटी और अपने मान-सम्मान की रक्षा बताता है तो कोई इसे बेटियों की जिंदगी बर्बाद करने वाला और अकड़ में लिया गया फैसला कहता है.

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