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Monsoon 2024: झमाझम बारिश करा अब विदा होने लगा मॉनसून, जाते-जाते भी इन इलाकों को भिगोकर जाएगा

Monsoon 2024 Withdrawal: साउथ-वेस्ट मॉनसून ने वापसी की राह पकड़ ली है. आमतौर पर, मॉनसून 15 अक्टूबर तक पूरी तरह चला जाता है. इस सीजन में, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई.

Monsoon 2024: झमाझम बारिश करा अब विदा होने लगा मॉनसून, जाते-जाते भी इन इलाकों को भिगोकर जाएगा
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Deepak Verma|Updated: Sep 24, 2024, 01:20 PM IST

Monsoon 2024 Withdrawal: भारत के बड़े हिस्से को भरपूर बारिश से सराबोर करने के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अब अपनी वापसी की यात्रा पर निकल पड़ा है. इसकी शुरुआत पश्चिमी राजस्थान और कच्छ से हो गई है. देशभर में पांच प्रतिशत अतिरिक्त बारिश लाने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की यात्रा सोमवार को शुरू हुई लेकिन मौसम कार्यालय ने आगामी सप्ताह में कई क्षेत्रों में व्यापक बारिश का अनुमान भी जताया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया, 'दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 17 सितंबर के बजाय 23 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के कुछ हिस्सों से लौट गया है. अगले 24 घंटे के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों तथा पंजाब, हरियाणा और गुजरात के आसपास के इलाकों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.'

आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश में फैल जाता है. वह सितंबर के मध्य तक उत्तर-पश्चिमी भारत से लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह चला जाता है. इस मानूसन में देश में एक जून से 23 सितंबर के बीच 880.8 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि सामान्यत: 837.7 मिमी. बारिश होती है.

यह भी पढ़ें: बारिश रुकते ही गर्मी की वापसी, क्या फिर उमस करेगी बेहाल? IMD ने दिया अपडेट

अभी इन इलाकों में बारिश का अलर्ट

मौसम कार्यालय ने मंगलवार को पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान जताया है जिससे पूर्वी तट पर कुछ राज्यों में बारिश हो सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आगामी सप्ताह के दौरान तटीय और उत्तर कर्नाटक के अंदरुनी इलाकों, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य, पूर्व और उत्तरपूर्व भारत में बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है.

मॉनसून 2024 का लेखा-जोखा

देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई लेकिन 36 मौसम विज्ञान संबंधी उपमंडल में से पांच में कम बारिश दर्ज की गईयी. इनमें जम्मू कश्मीर (26 प्रतिशत वर्षा कम), हिमाचल प्रदेश (20 प्रतिशत कम), अरुणाचल प्रदेश (30 प्रतिशत कम), बिहार (28 प्रतिशत कम) और पंजाब (27 प्रतिशत कम) शामिल हैं. कुल 36 उपमंडल में से नौ में अत्यधिक बारिश हुई जिसमें राजस्थान (74 प्रतिशत), गुजरात (68 प्रतिशत), महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश शामिल हैं. (भाषा इनपुट्स)

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