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'पुलिस अकेले हालात संभाल ही नहीं पाएगी, सेंट्रल फोर्स तो चाहिए', इस राज्य में DGP ने क्यों खड़े कर दिए हाथ

Situation in Manipur: पिछले साल मई से इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. 

'पुलिस अकेले हालात संभाल ही नहीं पाएगी, सेंट्रल फोर्स तो चाहिए', इस राज्य में DGP ने क्यों खड़े कर दिए हाथ
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Rachit Kumar|Updated: Sep 03, 2024, 09:07 PM IST

Manipur Drone Attack: मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने मंगलवार को कहा कि हिंसा प्रभावित राज्य में पुलिस अकेले स्थिति से नहीं निपट सकती और केंद्रीय बलों की लगातार मदद की जरूरत है. पिछले साल मई से इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. 

हमले के लिए ड्रोन तैनात

हाल ही में इस संघर्ष ने एक नया मोड़ तब लिया जब उग्रवादियों ने प्रतिद्वंद्वी समुदाय के गांवों पर बम हमले करने के लिए ड्रोन तैनात किए. पिछले दो दिन में इंफाल पश्चिम जिले में सेजम चिरांग और पास के कोऊतरक में दो ड्रोन और बंदूक हमलों में दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए. हालांकि, सिंह ने कहा कि मणिपुर पुलिस ड्रोन हमलों को रोकने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हरसंभव प्रयास करेगी. उन्होंने कुछ इलाकों का दौरा करने के बाद कहा, 'यह नई चीज है और चीजें बिगड़ गई हैं. हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं.' 

'हमने की एनएसजी से बात'

सिंह ने कहा, 'हमने एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) से बात की है और भी विशेषज्ञ आ रहे हैं. हमने ड्रोन की गंभीरता से जांच करने के लिए एक समिति गठित की है. हम जल्द ही ड्रोन हमलों से निपटने के लिए साधन तलाशेंगे. हमारे पास ड्रोन से निपटने के लिए कुछ साधन हैं और हम उन्हें तैनात करने की कोशिश कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'हम उस जगह पर अभियान चला रहे हैं जहां से हमले किए गए. अभियान कल और आज चलाया गया और सामान जब्त किया गया है. धरपकड़ अभियान आगे भी चलाया जाएगा.'

'सेंट्रल फोर्सेज की मदद जरूरी'

हिंसा रोक पाने में कथित रूप से विफल रहने पर केंद्रीय बलों को हटाने की मांग पर डीजीपी ने कहा कि राज्य के बल अकेले हालात से नहीं निपट सकते और केंद्रीय बलों की मदद जरूरी है. उन्होंने कहा, 'केंद्र हमें हरसंभव मदद दे रहा है और वे स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम इससे निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. अभी, मानवबल की जरूरत है और राज्य पुलिस अकेले इसे नहीं दे सकती क्योंकि वे अन्य सामान्य कानून और व्यवस्था संबंधी कार्यों में तैनात हैं. इसलिए जाहिर है, हमें केंद्रीय बलों की जरूरत है.' 

डीजीपी ने कहा, 'असम राइफल्स के अलावा केंद्रीय बलों की 198 कंपनियां हैं. सभी मिलकर काम कर रहे हैं. निष्क्रियता या निष्क्रिय भूमिका की कुछ शिकायतें होंगी तो हम उन पर गौर करेंगे. अगर हमें निष्क्रियता के बारे में जानकारी मिलती है, तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे, चाहे वह राज्य हो या केंद्रीय बल. मैंने असम राइफल्स और अन्य कमांडरों से बात की है और वे भी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं.

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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