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नीति आयोग की बैठक में दिखेगा दीदी का 'फाइटर' अवतार, चलेंगी पीएम मोदी वाला 'मास्टरकार्ड'

Mamata Banerjee Niti Aayog: यूथ कांग्रेस के दिनों से अब तक की उनकी पूरी हिस्ट्री है.और ये कन्फर्म है कि अपना यही फाइटर नेचर शनिवार को वो नीति आयोग की बैठक में दिखाने वाली हैं. यकीन ना हो, तो शनिवार का ट्रेलर उनके आज के ही बयान में देख लें. इसका मूल भाव ये है कि अगर मुझे बोलने नहीं दिया तो फिर हंगामा कर दूंगी.

नीति आयोग की बैठक में दिखेगा दीदी का 'फाइटर' अवतार, चलेंगी पीएम मोदी वाला 'मास्टरकार्ड'
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Rachit Kumar|Updated: Jul 26, 2024, 10:30 PM IST

NITI Aayog Meeting: वैसे CM योगी ही नहीं बंगाल से CM ममता बनर्जी भी दिल्ली आ चुकी हैं. आप कहेंगे इसमें नया क्या है? तो खबर है कि नीति आयोग की बैठक लिए आई हैं. आप कहेंगे इसमें भी नया क्या है? लेकिन हम कहें कि ममता बनर्जी PM मोदी से लड़ने के लिए आई हैं, तब आप जरूर पूछेंगे कि- किस बात पर? अब ऐसा क्या हो गया?

लड़ाकूपन ममता बनर्जी के स्वभाव में है. यूथ कांग्रेस के दिनों से अब तक की उनकी पूरी हिस्ट्री है.और ये कन्फर्म है कि अपना यही फाइटर नेचर शनिवार को वो नीति आयोग की बैठक में दिखाने वाली हैं. यकीन ना हो, तो शनिवार का ट्रेलर उनके आज के ही बयान में देख लें. इसका मूल भाव ये है कि अगर मुझे बोलने नहीं दिया तो फिर हंगामा कर दूंगी.

ममता दिखाएंगी तेवर

ममता के बयान से साफ है कि नीति आयोग की बैठक में जो होगा, उसके बाद हेडलाइन में वही होंगी. केंद्र पर बंगाल से भेदभाव का उनका आरोप पुराना है. हाल के बजट से उनके गुस्से का ग्राफ़ और बढ़ा हुआ है.

बजट को लेकर TMC की ऑफिशियल लाइन ये है कि केंद्र ने बजट में बंगाल से भेदभाव किया है. ये बीजेपी की बंगाल पर हार की भड़ास है. बंगाल को पाई-पाई तरसाने की साजिश है. बंगाल में TMC को लाचार बनाने की चाल है.

पहले खबर थी कि कांग्रेस की तरह ममता भी नीति आयोग की बैठक का बायकॉट करेंगी. 2023 में विपक्ष के 10 मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया था. लेकिन इस बार ममता ने लाइन चेंज की है. उन्हें लगता है दूसरे विपक्षी मुख्यमंत्रियों की गैर-मौजूदगी में PM मोदी से टकराएंगी, तो फुल एक्सपोजर उन्हें ही मिलेगा.

ममता का मोदी वाला फॉर्मूला?

आप कह सकते हैं कि ममता मोदी का नुस्खा मोदी पर ही आज़माएंगी. मोदी बतौर CM योजना आयोग की हर बैठक में रहते थे, जोरदार ढंग से गुजरात की बात रखते थे, आइडियाज देते थे, कई बार केंद्र पर भारी पड़ते थे. 

अब समझिए ममता के मुद्दों के मेन्यू में क्या होगा. ममता केंद्र से 1 लाख 71 हज़ार करोड़ की डिमांड करेंगी. बंगाल के लिए 34 हज़ार 684 करोड़ का केंद्रीय अनुदान मांगेंगी. केंद्र सरकार से बंगाल के हिस्से से 92 हज़ार 900 करोड़ रु. मांगेंगी. प्राकृतिक आपदाओं पर 40 हज़ार करोड़ रुपए की मांग करेंगी.

इसी के साथ बंगाल की आर्थिक नाकेबंदी के आरोप दोहराएंगी. पश्चिम बंगाल का विभाजन करने की सोच पर स्पष्टीकरण मांगेंगी. TMC का आरोप है कि केंद्र 3 साल से उसके हिस्से का पैसा रोके हुए है. और जिस नीति आयोग में ममता अपनी मांगें रखेंगी, उसी की बैठक में नीति आयोग ही खत्म करने की मांग भी कर सकती हैं.

बैठक के बायकॉट पर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों का तर्क ये है कि जब भेदभाव ही होना है, तो फिर क्यों जाएं. लेकिन ममता के यू-टर्न के बाद एक थ्योरी ये भी चल रही है कि क्या ये INDI अलायंस में फूट की निशानी है.

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