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Assam Floods: शिवसेना के बागी विधायकों ने दिखाई असम बाढ़ पीड़ितों के लिए दरियादिली, दान किए 51 लाख

Assam floods update: असम में इन दिनों भारी बाढ़ (Assam Floods) के चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. इस बीच गुवाहाटी में ठहरे महाराष्ट्र के बागी विधायकों ने असम में बाढ़ राहत कार्य के लिए 51 लाख रुपये दान दिए हैं.

Assam Floods: शिवसेना के बागी विधायकों ने दिखाई असम बाढ़ पीड़ितों के लिए दरियादिली, दान किए 51 लाख
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Zee News Desk|Updated: Jun 29, 2022, 03:09 PM IST

Assam floods update: महाराष्ट्र (Maharashtra) से शिवसेना (Shiv sena) के बागी विधायकों ने असम (Assam Floods) में बाढ़ राहत कार्य के लिए 51 लाख रुपये दान दिए हैं. विधायकों के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी. बीते एक सप्ताह से शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में इन विधायकों ने बगावत का झंडा उठाया है.

असम मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये किए दान

असम के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ के बीच गुवाहाटी के लग्जरी होटल में ठहरने को लेकर जारी आलोचनाओं के बीच, बागी विधायकों के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा, 'बाढ़ राहत कार्य में हमारे योगदान के तौर पर, शिंदे ने असम मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये दान दिए हैं. हम यहां लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते.'

गुवाहाटी से मुबंई के लिए रवाना होंगे बागी विधायक

केसरकर ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी ने गुरुवार को विधानसभा में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी को विश्वास मत का सामना करने को कहा है इसलिए बागी विधायकों ने गुवाहाटी से निकलकर मुंबई के पास किसी स्थान पर जाने का फैसला लिया है.

गोवा के एक होटल में रुकेगा बागी विधायकों का गुट

शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि विधायकों का समूह गोवा के एक होटल में रुकेगा और गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे मुंबई पहुंचेगा. केसरकर ने कहा, 'हम एक स्थान पर रुकेंगे जो मुंबई से हवाई मार्ग से एक घंटे की दूरी पर है ताकि हम सदन में विश्वास मत के लिए सुविधाजनक तरीके से पहुंच सकें. हम विश्वास मत की मांग लंबे समय से कर रहे थे.'

सीएम उद्धव ठाकरे के प्रति जताई निराशा

शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रति निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक उनसे राकांपा और कांग्रेस का साथ छोड़ने को कह रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी उनकी बात नहीं सुनी. केसरकर ने कहा, 'शिवसेना के ज्यादातर विधायकों ने इन दोनों पार्टियों से दूरी बनाने का निर्णय लिया है. इसलिए शिवसेना के जो बाकी विधायक उनके (ठाकरे) साथ हैं, उन्हें विश्वास मत के दौरान हमारे सचेतक की बात माननी होगी.'

(इनपुट- भाषा)

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