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Border Dispute: संजय राउत बोले- ‘जैसे चीन भारत में घुसा है वैसे ही हम कर्नाटक में घुसेंगे’

Sanjay Raut News: राउत ने सवाल कि जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले सप्ताह नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए थे, तो क्या उन्हें इस मामले में चुप रहने के लिए कहा गया था. 

Border Dispute: संजय राउत बोले- ‘जैसे चीन भारत में घुसा है वैसे ही हम कर्नाटक में घुसेंगे’
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Zee News Desk|Updated: Dec 21, 2022, 07:13 PM IST

Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बढ़ते सीमा विवाद के बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बुधवार को कर्नाटक में घुसने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि वह वैसे ही कर्नाटक में घुसेंगे जैसे चीन ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है.

राउत ने कहा, ‘जैसे चीन भारत में घुसा है, वैसे ही हम भी कर्नाटक में घुसेंगे. हमें इसके लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है. हम इसे बातचीत के जरिए सुलझाने के इच्छुक हैं, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री आग भड़का रहे हैं.’

'महाराष्ट्र में कमजोर सरकार है'
शिवसेना सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कमजोर सरकार है जो कोई स्टैंड नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि सीमा रेखा 70 साल पुरानी है और हमारे पास कर्नाटक के लोगों के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन यह मानवता का सवाल है.

'क्या चुप रहने के लिए कहा गया'
राउत ने जानना चाहा कि जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले सप्ताह नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए थे, तो क्या उन्हें इस मामले में चुप रहने के लिए कहा गया था. 

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) लगातार शिंदे-फडणवीस सरकार से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आक्रामक रुख के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की मांग कर रही है.

दशकों पुराना है यह विवाद
दोनों राज्यों के 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद जारी है. महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा वहां रहता है. वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.

वहीं, कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 की महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर किया गया सीमांकन अंतिम है.

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