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मध्य प्रदेश पर कर्ज का भार और बढ़ेगा, मोहन यादव की सरकार क्यों लेने जा रही लोन

MP News: जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ढाई हज़ार करोड़ रूपये का पहला कर्ज 12 साल की अवधि के लिए लेगी, जबकि दूसरा ढाई हज़ार करोड़ का कर्ज 19 साल की अवधि के लिए लेगी.

मध्य प्रदेश पर कर्ज का भार और बढ़ेगा, मोहन यादव की सरकार क्यों लेने जा रही लोन
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Zee News Desk|Updated: Sep 21, 2024, 11:32 PM IST

Mohan Yadav Govt: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है.. इस बार राज्य सरकार 5 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. और ये कर्ज ढाई-ढाई हज़ार करोड़ रूपये के दो हिस्सों में लिया जाएगा.. जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ढाई हज़ार करोड़ रूपये का पहला कर्ज 12 साल की अवधि के लिए लेगी, जबकि दूसरा ढाई हज़ार करोड़ का कर्ज 19 साल की अवधि के लिए लेगी.

लेकिन सरकार के कर्ज लेने के फैसले पर सियासत शुरू हो गई.. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य की मोहन सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हुई. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार नीति और नियत के मामले में पूरी तरह से विफल हो चुकी है,  जो धारणा है कि ऋण लेकर घी पीना, वो काम कर रही है, मध्य प्रदेश में न युवाओं को रोजगार है, ना गरीबी पिछले 20 सालों में दूर हुई है.

जबकि बीजेपी ने दावा किया कि विकास कार्यों को गति देने के लिए कर्ज लिया जा रहा है. बीजेपी नेता अजय कुमार यादव ने कहा कि एक कांग्रेस का शासन था जहां मंत्रालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया था और केवल भ्रष्टाचार के लिए कर्ज लेते थे, भारतीय जनता पार्टी की सरकार में लगातार कर्ज के माध्यम से प्रदेश की उन्नति और तरक्की हो रही है.

पिछले महीने ही राज्य सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.. अब इस महीने भी कर्ज लेने पर कांग्रेस, बीजेपी सरकार पर हमलावर नज़र आई. एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार अब तक कुल 3 लाख 95 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. इस कर्ज का प्रमुख उद्देश्य राज्य की विकास योजनाओं को गति देना और सामाजिक कल्याण योजनाओं को जारी रखना है. वहीं चुनौती यह है कि राज्य सरकार को प्रदेश के विकास कार्यों और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाना है.

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