trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh12140194
Home >>MPCG Trending News

Supreme Court: नोट के बदले वोट कांड पर SC का बड़ा फैसला, 2011 में मध्य प्रदेश के सांसद को जाना पड़ा था जेल

Supreme Court: सांसद या विधायक पैसे (रिश्वत) लेकर सदन में भाषण या वोट देता हैं तो उसके खिलाफ एक आरोपी की तरह ही केस चलाया जा सकेगा. वहीं इस फैसले के बाद सदन में जिस वक्त नोट उछाले गए थे, वो मामला भी ताजा हो गया है. जिसमें एमपी के एक सांसद को जेल तक जाना पड़ा था. जानिए

Advertisement
Supreme Court: नोट के बदले वोट कांड पर SC का बड़ा फैसला, 2011 में मध्य प्रदेश के सांसद को जाना पड़ा था जेल
Stop
Shikhar Negi|Updated: Mar 04, 2024, 02:20 PM IST

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने वोट के बदले नोट के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. फैसले के मुताबिक अगर सांसद या विधायक पैसे (रिश्वत) लेकर सदन में भाषण या वोट देता हैं तो उसके खिलाफ एक आरोपी की तरह ही केस चलाया जा सकेगा. यानी अब इस मामले में उन्हें कानूनी छूट नहीं मिलेगी. 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले 1998 के नरसिम्हा राव के फैसले को पलट दिया है. दरअसल 1998 में 5 जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से तय किया था कि इस मु्द्दे को लेकर जनप्रतिनिधियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा. 

क्या कुछ कहा CJI ने...
- CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस अहम फैसले मं कहा कि विधायिका के किसी सदस्य द्वारा किया गया भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को खत्म कर देती है.
- CJI ने कहा कि अनुच्छेद 105 के तहत रिश्वतखोरी को छूट नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई सांसद भ्रष्टाचार करता है तो यह चीज भारत के संसदीय लोकतंत्र को बर्बाद कर देंगी. अब अगर कोई विधायक राज्यसभा में इलेक्शन में वोट देने के लिए घूस लेता है तो उसे भी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट का सामना करना पडे़गा.
- CJI ने कहा कि अगर कोई घूस लेता है तो केस बन जाता है. यह मायने नहीं रखता है कि उसने बाद में वोट दिया या फिर भाषण दी. आरोपी तभी बन जाता है, जिस वक्त कोई सांसद घूस ले लेता है.

पीएम मोदी ने फैसले का किया स्वागत

बता दें कि इस ऐतिहासिक फैसले को CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस ए एस बोपन्ना, एम एम सुंदरेश, पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, संजय कुमार और मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ये भी कहा कि - सदन में अपमानजनक बयान अवैध नहीं है. इसे संवैधानिक रूप से कानूनी कार्रवाई से पूरी छूट हासिल है.

जब सदन में उछाले गए थे नोट
गौरतलब है कि जुलाई 2008 में जब अमेरिका से परमाणु समझौते के विरोध में यूपीए-1 सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तब पूरे देश में नोट के बदले वोट कांड की चर्चा हुई थी. बीजेपी के सांसदों ने लोकसभा में नोटों के बंडल को लहराया था. जिसमें मंडला लोकसभा सीट 2024 से बीजेपी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल थे.

तब उन्होंने आरोप लगाया था कि  समाजवादी पार्टी के तत्कालीन महासचिव अमर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने विश्वास मत में हिस्सा नहीं लेने के बदले रुपए देने की पेशकश की थी. हालांकि इस कांड की वजह से फग्गन सिंह कुलस्ते को 2011 में जेल भी जाना पड़ा था. लेकिन नोट के बदले वोट कांड की चर्चा पूरे देश में तभी से शुरू हुई थी.

कौन हैं फग्गन सिंह कुलस्ते?
बता दें कि फग्गन सिंह कुलस्ते मध्य प्रदेश के मंडला लोकसभा क्षेत्र से छह बार सांसद का चुनाव जीते हैं. वह वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने निवास विधानसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन वे चुनाव हार गए. जो उनके राजनीतिक करियर में एक बड़ा झटका था. कुलस्ते बड़े आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं.

Read More
{}{}