trendingNow/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh12022966
Home >>MPCG Trending News

MP के इस जिले में शुरू हुआ मिशन जटायु अभियान, विलुप्त होते गिद्धों को बचाने में जुटा वन विभाग

MP News: देश भर में लगातार गिद्धों की संख्या कम होती जा रही है. इन्हें बचाने के लिए रीवा जिले ( Rewa Forest Department) में मिशन जटायु अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत टीम गांवों में जाकर लोगों को अभियान के बारे में जानकारी दे रही है. 

Advertisement
MP के इस जिले में शुरू हुआ मिशन जटायु अभियान, विलुप्त होते गिद्धों को बचाने में जुटा वन विभाग
Stop
Abhinaw Tripathi |Updated: Dec 22, 2023, 10:01 AM IST

अजय मिश्रा/ रीवा: एक समय था जब गांव देहात में गिद्ध बहुत ज्यादा देखे जाते थे. गिद्धों को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी जुटती थी. हालांकि धीरे- धीरे इनकी संख्या कम हो गई और अब ये विलुप्त होने के कागार पर हैं. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश (MP News in Hindi) के रीवा जिले की वन विभाग की टीम मिशन जटायु (Mission Jatayu in Rewa) अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत वन विभाग की टीम गांवों में जा रही है और लोगों को गिद्धों को बचाने के लिए सलाह दे रही है. इसके अलावा टीम और भी कई काम कर रही है. जानते हैं. 

मिशन जटायु 
विलुप्त होते गिद्धों को बचाने के लिए रीवा की वन विभाग की टीम मैदान में उतर आई है और गिद्धों को संरक्षित करने के लिए मिशन जटायु नाम से अभियान की शुरूआत की है. इस अभियान में वन मंडल अंतर्गत आने वाले सभी रेंज अफसर और कर्मचारियों को अभियान से जोड़ा गया है. इसके तहत वन विभाग की टीम अस्पताल, गांव और दवा दुकानों पर पहुंचकर लोगों को इन प्रतिबंधित दवाइयां के उपयोग से दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है, इन प्रतिबंधित दवाइयां की जगह दूसरी दवाइयों का उपयोग करने के लिए बताया जा रहा है. बता दें कि कई ऐसी दवाईयां है जो गिद्धों के लिए जानलेवा हैं. 

ये भी पढ़ें: MP में एक बार फिर हुआ प्रशासनिक फेरबदल, CM के डिप्टी सेक्रेटरी का हुआ तबादला

एक समय देश भर में गिद्धों की काफी ज्यादा संख्या थी. परंतु बीते कुछ दशकों में गिद्धों की संख्या काफी हद तक कम हुई है. इसके प्रमुख कारणों में से एक डाइक्लोफेनेक दवा भी बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि लोग इसका प्रयोग मवेशी के इलाज के लिए करते थे. परंतु जब मवेशी की मौत हो जाती थी तो उनके मांस को गिद्ध खाते थे ये दवा गिद्धों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित होती थी और ये इनके गुर्दों को खराब कर देती थी जिसकी वजह से इनकी मौत हो जाती थी. 

इसे देखते हुए इस साल इन जैसी हानिकारक दवाओं का भी जानवरों/मवेशी के उपचार के लिए उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके अलावा निमेसुलाइड भी गिद्धों के लिए हानिकारक माना जाता है. इन दवाइयों का भी उपयोग लोग करते हैं. ऐसे में इनके प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इस कार्य को रीवा वन विभाग की टीम मिशन जटायु के तहत कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि रीवा में गिद्धों की संख्या बढ़ रही है. अगर वन विभाग का ये अभियान सफल हुआ तो आने वाले दिनों में गिद्ध फिर नजर आने लगेंगे. 

Read More
{}{}