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Shahdol News: एमपी में बैगा जनजाति के 122 लोगों को नहीं मिला PM Awas Yojana का लाभ, कलेक्ट्रेट में शिकायत

Shahdol News: प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत मिलने वाले आवास के लाभ में एक बड़ी चूक हुई है. बैगा समाज के 122 परिवारों को पीएम आवास योजना के सरकारी पोर्टल से ही गायब कर दिया है.  

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Shahdol News: एमपी में बैगा जनजाति के 122 लोगों को नहीं मिला PM Awas Yojana का लाभ, कलेक्ट्रेट में शिकायत
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Zee News Desk|Updated: Jan 24, 2024, 09:01 AM IST

Shahdol News: एक तरफ जहां गांव-गांव प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लोगों को दिया जा रहा है तो वहीं एमपी के शहडोल (Shahdol, MP) में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है. जहां एक पूरे गांव के ही बैगा आदिवासी आवास के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा समाज के लोगों को आज मूलभूत सुविधाओं से ही वंचित होना पड़ रहा है.

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बता दें कि जिले में बहुतायत संख्या में बैगा समाज (Baiga Tribe)के लोग रहते हैं. जिन्हें पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana)का लाभ इन लोगों को अब तक नहीं मिला है. आरोप ये है कि देवरी नंबर 2 में बैगा समाज के 122 परिवारों को पीएम आवास योजना से हटा दिया गया है. सबसे बड़ी बात है कि ग्राम पंचायत के सरकारी पोर्टल से ही इन परिवारों को गायब कर दिया गया है.
 
बैगा परिवार पहुंचे कलेक्टर के पास
अपनी मांग को लेकर बैगा परिवार कलेक्ट्रेट पहुंचा और पीएम आवास योजना में घर दिलाने की मांग की. परिवार ने आरोप लगाया कि गांव में अन्य समाज के लोगों को इस योजना के तहत घर मिल चुका है पर अभी तक ये लोग कच्चे घरों में ही रह रहे हैं. गांव के सरपंच और सचिव से भी इस बारे में शिकायत की थी, लेकिन इसका लाभ उन्हें नहीं मिल सका.

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अधिकारियों ने लिया संज्ञान

वहीं आदिवासी आयुक्त आनंद सिंह राय ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और ग्रामीणों की समस्या को सुनकर जल्द उसके समाधान की बात कही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इन परिवारों को पीएम आवास से जोड़ा जाएगा.

अब उठ रहे ये सवाल
बता दें कि सरकार की ओर से विशेष संरक्षित जाति बैगा आदिवासियों के लिए योजना चलाई जा रही है. इसके बावजूद भी ये लोग अब तक शासन की जनकल्याणकारी सुविधाओं से वंचित है. सवाल ये खड़ा होता है कि इस सर्वे में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई, जिसमें सरकारी पोर्टल से पूरा ग्राम पंचायत ही गायब हो गया? जांच में ये बात भी सामने आनी चाहिए कि ये किन अधिकारियों की गलती से ये हुआ जिसकी वजह से ग्रामीण वासी जूझ रहे हैं.

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