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रातभर सोने के बाद भी दिन में आता है आलस? ये बीमारी हो सकती है वजह

कई लोगों को रातभर सोने के बाद भी दिन में भी आलस आता रहता है. अक्सर लोग इसे थकान मानकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यह बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. तो आइए जानते हैं कि दिन में नींद आना किस बीमारी का लक्षण है. 

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रातभर सोने के बाद भी दिन में आता है आलस? ये बीमारी हो सकती है वजह
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Nitin Gautam|Updated: Aug 29, 2022, 07:28 PM IST

नई दिल्लीः कई लोग रातभर सोने के बाद भी दिन में काम के दौरान आलस से भरे रहते हैं. कई बार लोग इसे बस थकान या आलस मानकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यह किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. अगर आप भी ऐसी किसी समस्या से परेशान हैं तो आज हम आपको ऐसी वजहों के बारे में बता रहे हैं, जिनके चलते आपको बहुत ज्यादा नींद की समस्या हो सकती है. इनमें रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम, स्लीप एप्निया या नारकोलेप्सी जैसी समस्याएं प्रमुख हैं. 

फाइब्रोमेल्जिया
फाइब्रोमेल्जिया नामक बीमारी में मांसपेशियों में दर्द के साथ ही थकान, बहुत ज्यादा नींद आना, मूड खराब रहना और यादाश्त कमजोर होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति गहरी और अच्छी नींद नहीं ले पाता. ऐसे में दिन में नींद या आलस आना स्वभाविक है. 

स्लीप एपनिया
दिन में नींद आने की आमतौर पर प्रमुख वजह स्लीप एपनिया हो सकती है. इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति के सांस लेने का ऊपरी रास्ता करीब 10 सेकेंड के लिए बंद हो जाता है. यह रात में कई बार होता है और इससे पीड़ित व्यक्ति की नींद की क्वालिटी प्रभावित होती है. 

डिप्रेशन
डिप्रेशन में भी पीड़ित व्यक्ति को दिन में आलस आता है. साथ ही थकान महसूस करना भी डिप्रेशन का कारण हो सकता है. यादाश्त का कमजोर होना, फोकस में कमी भी डिप्रेशन की वजह से हो सकते हैं. 

इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया 
इडियोपैथिक हाइपरसोम्निया एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति लंबे समय तक सोता रहता है. इस कंडीशन में व्यक्ति 10 घंटे से ज्यादा समय तक सो सकता है लेकिन इस नींद की क्वालिटी अच्छी नहीं होती है और पीड़ित व्यक्ति की सोने की इच्छा करती रहती है. 

RLS सिंड्रोम 
अक्सर लोगों में रात को सोते समय पैरों में बैचेनी की समस्या होती है या फिर पैरों में झनझनाहट होती है. यह समस्या रात में कई-कई बार होती है, जिससे रात में नींद डिस्टर्ब होती है और इसका नतीजा ये होता है कि व्यक्ति को दिन में नींद आती है. 

(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी और विभिन्न लेखों पर आधारित है. जी मीडिया यहां बताई गई बातों की पुष्टि नहीं करता है. कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही काम करें.)

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