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World Brain Tumour Day 2023: सिर्फ 60 सेकंड में पता चलेगा ब्रेन ट्यूमर है या नहीं, जानिए आसान तरीका

हर साल, 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है ताकि ब्रेन ट्यूमर  (Brain Tumor) के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाई जा सके.  ब्रेन ट्यूमर  एक बहुत ही घातक बीमारी है. ये मानव मस्तिष्क में होने वाली बीमारी है.

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World Brain Tumour Day 2023: सिर्फ 60 सेकंड में पता चलेगा ब्रेन ट्यूमर है या नहीं, जानिए आसान तरीका
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Shikhar Negi|Updated: Jun 08, 2023, 12:58 PM IST

World Brain Tumour Day 2023: हर साल, 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है ताकि ब्रेन ट्यूमर  (Brain Tumor) के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाई जा सके.  ब्रेन ट्यूमर  एक बहुत ही घातक बीमारी है. ये मानव मस्तिष्क में होने वाली बीमारी है. आपको अगर पता लगाना हैं कि क्या आपको  ब्रेन ट्यूमर  हैं, तो आप बस 60  सेकंड में पता लगा सकते हैं. जी हां, अब ब्रेन ट्यूमर का रैपिड टेस्ट संभव होगा. 

दरअसल यदि मरीज सिर्फ 60 सेकंड में से भी कम समय में 14 अलग-अलग जानवरों के नाम बता दें तो ऐसी स्थिति में उनमें ट्यूमर होने की काफी कम संभावना है. ऐसे मरीज को तत्काल एडवांस टेस्ट सीटी स्कैन करवाने की जरूरत नहीं है. लेकिन जो नाम नहीं बता पाते उन्हें जांच करवाना जरूरी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने 180 मरीजों पर ये स्टडी की थी. जिसमें वर्बल फ्लुएंसी टेस्ट 85% तक सही पाया गया था.

कैसे करें इसकी पहचान?
न्यूरो सर्जन की मानें तो ऐसे मरीज जिनको अक्सर लंबे वक्त तक सिर दर्द होता है. जो आम सिर दर्द से काफी ज्यादा होता है. इसके सामान्य लक्ष्ण अचानक मिर्गी का दौरा, आंखों की रोशनी कम, बातचीत में दिक्कत होना, याददाश्त में बदलाव होना. अगर ऐसे लक्षण दिखने लगे तो मरीजों को तुरंत न्यूरोलॉजी को दिखाना चाहिए.

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ब्रेन ट्यूमर कितने प्रकार के होते हैं?
ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं. पहले टाइप में यह ब्रेन के अंदर ही बनता है. 80 प्रतिशत मामलों में ये कैंसर का रुप होता है. जो निकालने के बाद फिर से आता है. दूसरे प्रकार में ब्रेन के कवरिंग में ट्यूमर होता है. जो कैंसर नहीं होता. इसका इलाज सर्जरी से ही संभव है. वहीं ग्रेड 1 से ग्रेड 4 तक ट्यूमर होते है. इससे पता चलता है मरीज कितना जी सकते हैं, कितना इलाज संभव है.

जानलेवा नहीं होता 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर का काफी ट्रेंड बढ़ गया है. लेकिन सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं, और न जानलेवा होते है. 

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