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MP Politics: प्रीति सूरी के BJP में शामिल होने के ये हैं सियासी मायने, जानिए किसे मिलेगा फायदा

Katni Latest News: प्रीति सूरी जो पहली मेयर बनने के लिए भाजपा के खिलाफ बगावत करतीं. जिन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाला जाता, फिर पार्टी ने प्रीति सूरी को इतनी जल्दी बीजेपी की सदस्यता क्यों दी? तो चलिए आपको बताते हैं प्रीति सूरी के बीजेपी में शामिल होने के राजनीतिक मायने क्या हैं?

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Katni Mayor Preeti Suri joining BJP Significance
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Abhay Pandey|Updated: Jan 30, 2023, 11:12 PM IST

Katni Mayor Preeti Suri joining BJP Significance: मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव से पहले बीजेपी ने कटनी जिले के कई बागी नेताओं की आज घर वापसी कराई है. प्रीति सूरी जिन्होंने मध्य प्रदेश में नगर निगम चुनाव के समय पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था क्योंकि उन्हें पार्टी द्वारा महापौर के चुनाव का टिकट नहीं दिया गया था. बता दें कि उस वक्त बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था, जो भी नेता पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें 6 साल से पहले पार्टी की सदस्यता नहीं दी जाएगी, लेकिन प्रीती सूरी और कुछ अन्य नेताओं को कुछ महीने बाद ही बीजेपी में शामिल किया गया है तो चलिए समझते हैं कि इसके राजनीतिक मायने क्या हैं?

बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा
बता दें प्रीति सूरी की शहर में इमेज काफी अच्छी हैं. उनका परिवार कई सालों से समाज सेवा कर रहा. सूरी परिवार ने शहर में पानी के टैंकर और शव वाहन जैसी मुफ्त सेवाएं भी प्रदान की हैं. उसके बाद राजनीति में आया. जिससे शहर में उनकी पकड़ काफी अच्छी है और लोगों का विश्वास भी उनके साथ है. इसलिए जब उन्हें मेयर पद के लिए टिकट नहीं मिला, तो वे बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ी और जीत हासिल की.इसलिए उन्होंने  निर्दलीय चुनाव लड़ बीजेपी प्रत्याशी ज्योति दीक्षित को करीब 5 हजार वोटों से हरा दिया. बता दें कि बीजेपी प्रत्याशी के प्रचार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे कद्दावर नेताओं ने रैलियां की थीं, लेकिन प्रीति चुनाव जीत गईं. इसका मतलब लोगों ने चुनाव में उनके नाम पर और पूर्व के काम पर वोट दिया था.

कटनी की कद्दावर महिला नेता
आपको बता दें कि प्रीती सूरी कटनी की शीर्ष महिला नेताओं में से एक हैं और कटनी जिले में लोगों उनकी अच्छी इमेज हैं. वह कटनी भाजपा के जिला महासचिव के पद पर रह चुकी हैं.मेयर से पहले वे दो बार 2009 और 2014 में पार्षद रह चुकी हैं. वे एमआईसी (मेयर इन काउंसिल) की सदस्य भी बनी थीं. इसलिए उन्हेंलोगों का समर्थन मिलता है.खबरों के मुताबिक बीजेपी ने इसी राजनीति के तहत प्रीति सूरी को पार्टी में शामिल किया है, जिससे एक शानदार महिला नेता उनके पास वापस आ गई.

प्रीति सूरी बीजेपी में क्यों शामिल हुईं
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, प्रीति सूरी के बीजेपी में शामिल होने की वजह यह हो सकती है कि उन्हें यह उम्मीद हो कि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में उनको विधायक का टिकट दे सकती है क्योंकि पूर्व में भी कटनी में ये देखा गया है कि बीजेपी ने अपने सीटिंग एमएलए की टिकट काट कर दूसरे प्रत्याशी को टिकट दिया है.साथ ही कटनी की सियासी गलियों में ऐसी भी खबर है कि प्रीति सूरी के पति संजीव सूरी भी राजनेता हैं. वो पूर्व में पार्षद रहे चुके हैं. इसलिए ऐसा कहा जा रहा कि वो विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.माना जा रहा है कि प्रीति सूरी के बीजेपी में शामिल होने से उन्हें या उनके पति को भी बीजेपी से विधानसभा का टिकट दिया सकता है.

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