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Vastu Tips: घर बनवाने से पहले वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान, वरना जिंदगी भर रहेंगे परेशान

Vastu Shastra for Home: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के हर दिशाओं स्थान का विशेष महत्व है. घर की दशा-दिशा हमारे भविष्य को बदलने में सहायक होती है. यदि आप घर बनवाने जा रहे हैं, या बनवाने की सोच रहे हैं तो आइए वास्तु के हिसाब से जानते हैं कि घर में किस दिशा में क्या बनवाना शुभ होता है.

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Vastu Tips: घर बनवाने से पहले वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान, वरना जिंदगी भर रहेंगे परेशान
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Shubham Tiwari|Updated: Feb 01, 2023, 08:25 PM IST

Vastu Tips For New Home: अपना घर सब का सपना होता है. घर बनावाने में हम जिंदगी भर की कमाई लगा देते हैं. लेकिन घर बनाने की जल्दी में कई बार हम वास्तु के नियमों का ध्यान नहीं देते हैं. जिसके चलते वास्तु दोष (vastu dosh) लगता है और घर में हमेशा आपसी मतभेद व कलह की स्थिति उत्पन्न होती है. वहीं यदि हम वास्तु के नियमों का ध्यान रखते हुए गृह निर्माण (build house) का कार्य करते हैं तो हमारे घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) का वास होगा और मां लक्ष्मी (maa lakshmi) की कृपा से दिन-रात घर की तरक्की होगी. ऐसे में यदि आप भी घर बनवाने का प्लान कर रहे हैं, तो आइए वास्तु (vastu) के हिसाब से जानते हैं मेन गेट (Main Gate) से बेडरुम (Bedroom) तक किस चीज के लिए कौन सी दिशा सही है.

मेन गेट (Vastu Tips For Main Gate)
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मेन गेट पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व या पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है. इस दिशा में मेनगेट रखने से घर में सौभाग्य और सुख-शांति का प्रवेश होता है. वहीं दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार बनवाने से बचना चाहिए. वास्तु के अनुसार घर के प्रवेश द्वारा लकड़ी का धनुषाकार आकार का बनवाएं.

आंगन (Vastu Tips For Courtyard)
वास्तु के अनुसार घर में आंगन का विशेष महत्व होता है. आंगन के बिना घर को अधूरा माना जाता है. तीन तरह के आंगन शुभ बताएं गए हैं. पहला घर के सामने आंगन, दूसरा घर के पीछे आंगन और तीसरा घर के बीचोबीच में आंगन. वास्तु के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा का आंगन उत्तम माना जाता है. यदि आंगन घर के बीचोबीच में बनवा रहे हैं, तो आंगन के उत्तर में पूजा घर, आग्नेय यानी दक्षिण पूर्व में रसोईघर होना चाहिए. आंगन घर का केंद्र बिंदू होता है. इसे ब्रम्ह स्थान भी कहा जाता है. इसलिए आंगन यानी ब्रम्ह स्तान को हमेशा खुला और साफ रखना चाहिए.

किचन (Vastu Tips For Kitchen)
वास्तु के अनुसार घर का किचन दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण में सर्वोत्तम माना जाता है. किचन बनावाते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए कि भोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाले स्टोव, चूल्हा, बर्नर या ओवन पूर्व दिशा में होना चाहिए. किचन में पीने का पानी, नल की टोटी एवं वॉश-बेसिन उत्तर-पूर्व दिशा में और फ्रिज रखने का स्थान पश्चिम दिशा में बनवाएं. किचन का दरवाजा भोजन बनाने वाले के ठीक पीछे नहीं होना चाहिए.

पूजा घर (Vastu Tips For House Of Worship)
वास्तु शास्त्र के हिसाब से पूजा घर ईशान कोण में बनवाना चाहिए. इस दिना में पूजा घर होने से सूर्योदय के वक्त सूर्य की किरणों के साथ घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. पूजा घर इस हिसाब से बनवाएं कि पूजा करते वक्त आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में हो. पूजा घर बनावाते समय इस बात का विशेष ख्याल रखें कि उसके आस-पास ऊपर या नीचे शौचालय या स्नान घर न हो. पूजा घर में पेंट का रंग हल्का पीला, नारंगी या फिर आसमानी होना चाहिए.

शौचालय (Vastu Tips For Toilet)
वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय हमेशा उत्तर-पश्चिम या उत्तर कोने में होना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. शौचालय में टॉयलेट सीट लगवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि शौच करते वक्त मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में रहे. भूलकर भी शौचालय पूर्व या उत्तर पूर्व कोने में न बनवाएं. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बाथरूम को घर की सतह से थोड़ा ऊंचा बनवाएं.

बेडरूम (Vastu Tips For Bedroom)
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुखिया का बेडरूम दक्षिण पश्चमि दिशा मे होना चाहिए. वहीं शादीशुदा जातकों के लिए बेडरूम की सही दिशा उत्तर और उत्तर पश्चिम है. बेडरूम बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सोते वक्त सिर उत्तर या पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. बेडरुम भूलकर भी आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में न बनवाएं. बेडरूम में दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं. बेजरूम की छत गोल नहीं होना चाहिए.

ड्राइंग रूम (Vastu Tips For Drawing Room)
घर के जिस कमरे में अतिथि यानी मेहमानों को बैठाया जाता है उसे ड्राइंग रूम कहते हैं. यदि आपका घर पूर्वमुखी या उत्तरमुखी है तो गेस्ट रूम ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए. घर की उत्तर दिशा में गेस्ट रूम बनवाना शुभ होता है. ड्राइंग रूम के दीवारों का रंग हल्का, शांत और सौम्य होना चाहिए. ड्राइंग रूम में फैमली की तस्वीर, दोड़ते हुए घोडों की तस्वीर लगाना शुभ होता है.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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