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ओझा ने खरीदी बाघ की खाल, नोटों की बारिश के लिए शुभ मुहूर्त का था इंतजार, जानिए फिर क्या हुआ?

छिंदवाड़ा में एक तांत्रिक ने बाघ की खाल खरीदकर तांत्रिक क्रिया से नोटों के बारिश का सपना देख रहा था. लेकिन तभी इसकी भनक पुलिस को लग गई और पुलिस ने ओझा समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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ओझा ने खरीदी बाघ की खाल, नोटों की बारिश के लिए शुभ मुहूर्त का था इंतजार, जानिए फिर क्या हुआ?
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Shubham Tiwari|Updated: Feb 03, 2023, 06:31 PM IST

Tiger Skin Smuggler: मध्य प्रदेश के छिदवाड़ा (chhindwara) से बाघ के खाल (tiger skins) की तस्करी (smuggling) का मामला सामने आया है. जहां सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में टाइगर फोर्स और सामान्य वन मंडल ने झाड़-फूंक करने वाले ओझा समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बाघ की तस्करी करने वाले ओझा से पूछताछ में शिकारियों के गिरोह का खुलासा हुआ है. टाइगर फोर्स टीम ने मौके से बाघ की खाल भी बरामद की है.

जानिए पूरा मामला
दरअसल छिंदवाड़ा जिले के भाकरा गांव निवासी ओझा महेश सूर्यवंशी झाड़-फूंक का काम करता है. क्षेत्र के लोग इसे ओझा के नाम से से ही जानते हैं. महेश सूर्यवंशी का रोजी-रोटी इसी से चलता है. धीरे-धीरे लोगों का ओझा के प्रति विश्वास कम हो गया. ऐसे में अब इसके सामने रोजी-रोटी की मुश्किल हो गया. ओझा महेश सूर्यवंशी के अनुसार एक रात वो तांत्रिक क्रिया से दौलत कमाने का सपना देखा. उसने बताया कि मैंने सपने में देखा की बाघ की खाल पर बैठकर तांत्रिक क्रिया करने से पैसों की बारिश होगी. इसके बाद ओझा अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रयास करने लगा.

जानिए क्या कहा ओझा ने!
ओझा महेश सूर्यवंशी ने बाघ के खाल की खोज शुरू कर दी. इसके बाद उसने इसके बारे में अपने सगे-संबधियों से पूछा, लेकिन सभी ने मना कर दिया. फिर भी वो हार नहीं माना और बाघ के खाल की तलाश जारी रखी. जिसके बाद उसके किसी संपर्की ने बताया कि उसके रिश्तेदार के पास बाघ की खाल है. यदि चाहिए तो खरीद लो. इसकी जानकारी लगते ही ओझा बाघ की खाल बेचने वाले के पास पहुंच गए. फिर दोनों के बीच खाल खरीदने और बेचने को लेकर सौदा तय हुआ, जिसमें यह तय हुआ कि बाघ की खाल से तांत्रिक क्रिया करने से जो पैसों की बारिश होगी और जो दौलत मिलेगी. उसमें हम दोनों आधा-आधा बांट लेंगे. आखिरकर दोनों के बीच सौदा तय हो गया और ओझा महेश को बाघ की खाल मिल गई. 

शुभ मुहूर्त का था इंतजार
इधर बाघ की खाल खरीदने के बाद ओझा महेश अपने तांत्रिक क्रिया के तैयारी में जुट गया. महेश को अब इंतजार था बस उस शुभ मुहूर्त का जिसमें वो तंत्र क्रिया शुरू करें. लेकिन तबतक इसकी भनक पुलिस को लग गई. पुलिस ने ओझा के पास दबिश देकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस से पूछताछ में कड़ी से कड़ी जुड़ती गई. जिसके बाद पुलिस ने बाघ के शिकारियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों के मुताबिक वे बाघ की खाल को 70-80 लाख में बेचने का प्लान कर रहे थे. लेकिन ग्राहक नहीं मिला तो अंत में ओझा से सौदा करना पड़ा. इस पूरे मामले में पुलिसन 5 आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 

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