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Surkhi Vidhan Chunav 2023: बुंदेलखंड की सीट पर बागी vs बागी, सिंधिया समर्थक को टक्कर देंगे ये पूर्व BJP नेता

Surkhi  Vidhan Sabha Congress Vs BJP Candidate List: सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने  गोविंद सिंह राजपूत के सामने नीरज शर्मा को उतारा है.

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Surkhi Vidhan Chunav 2023: बुंदेलखंड की सीट पर बागी vs बागी, सिंधिया समर्थक को टक्कर देंगे ये पूर्व BJP नेता
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Shikhar Negi|Updated: Oct 15, 2023, 11:22 PM IST

Surkhi vidhan Sabha seat: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन अपने 144 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. इसमें सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट (Surkhi Vidhan Sabha Chunav) से कांग्रेस ने पूर्व बीजेपी बागी नेता नीरज शर्मा को टिकट दिया है. सुरखी विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है और यहां से शिवराज सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत विधायक हैं. 

बता दें कि सुरखी विधासनभा सीट 2020 में सबसे चर्चित दलबदल से चर्चा में आई थी. क्योंक ज्योतिरादित्य के बीजेपी में जाने के बाद गोविंद सिंह राजपूत ने भी अपनी पार्टी बदल ली थी. जिसके बाद यहां से उपचुनाव कराया गया, और गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की.

कांग्रेस ने नीरज शर्मा पर जताया भरोसा
कांग्रेस ने सुरखी विधानसभा से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सामने पूर्व बीजेपी नेता नीरज शर्मा को टिकट दिया है. बता दें कि नीरज शर्म 2010 में जनपद पंचायत अध्यक्ष रहे है. वहीं एक बार राहतगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष रहे हैं. कुछ दिन पहले ही यह भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. उस दौरान उन्होंने गोविंद सिंह राजपूत पर कई आरोप लगाए थे.  नीरज शर्मा को सागर के पूर्व सांसद और भाजपा नेता लक्ष्मीनारायण यादव के खेमे का माना जाता है.

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गोविंद सिंह के लिए चुनौती
वहीं बीजेपी के उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत 2018 व 2020 का उप चुनाव जीते हैं. इससे पहले 2003, 2008 में भी वे कांग्रेस में रहते हुए विधायक निर्वाचित हुए थे. शिवराज सरकार में फिलहाल गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री है.

क्या हैं जातिगत समीकरण?
सुरखी में करीब 2 लाख वोटर हैं. इसमें से पुरुष मतदाता-1,0,5113 और महिला मतदाता-87,655 हैं. इनके जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो मुख्य रूप से यहां OBC और ठाकुर अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र के नतीजों को पंडित भी काफी प्रभावित करते हैं.

क्या हैं सियासी गेम
साल 1951 से लेकर हुए 16 चुनाव/उपचुनावों में यहां से 9 बार कांग्रेस जीतकर आई है. वहीं, 4 बार भाजपा जबकि, 1 बार भारतीय जनसंघ, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार जनतादल के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है.

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