अजय दुबे/सिंगरौली: सरकार सरकारी अफसरों को उनका काम करने के लिए अच्छी खासी तनख्वाह देती है, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ सरकारी अफसर जनता का काम यानी जिस काम के लिए उनको पैसे दिए जाते हैं और जिस पोस्ट के लिए उन्हें नियुक्त किया जाता है.उसको करने के लिए वह रिश्वत मांगते हैं. अब ऐसा ही एक मामला सिंगरौली जिले से सामने आया है. दरअसल सिंगरौली जिले के भू अर्जन शाखा के बाबू रविंद्र घोसी को 20 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. रविंद्र घोसी लंबे समय से मुआवजे की राशि देने की एवज में 80 हजार रुपये की मांग कर रहा था. जिसके बाद बेलवार निवासी हरिलाल शाह ने रीवा लोकायुक्त में शिकायत की. पूरे साक्ष्य एकत्रित करने के बाद आज सिंगरौली कलेक्ट्रेट स्थित भूमि अधिग्रहण शाखा में पहुंचकर लोकायुक्त की टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
दो भाइयों की जमीन एक निजी कंपनी ने कर ली अधिग्रहित
बता दें कि सिंगरौली जिले की देवसर तहसील स्थित बेलवार निवासी हीरालाल साह और उनके दो भाइयों की जमीन एक निजी कंपनी ने अधिग्रहित कर ली है. जिसकी मुआवजे की राशि करीब 60 लाख प्रशासन की ओर से की तय गई है.देवसर एसडीएम आकाश सिंह द्वारा भी फाइल तैयार कर भू अर्जन शाखा को मुआवजे की राशि देने के लिए प्रेषित किया गया था,लेकिन लंबे समय बीत जाने के बाद भी भू अर्जन शाखा के बाबू रविंद्र घोसी ने मुआवजे की राशि नहीं दी.जिसकी शिकायत हरी लाल साह ने अपर कलेक्टर डीपी वर्मा सहित कई अधिकारियों से कई बार कर चुका था, लेकिन उसकी सुनवाई कहीं भी नहीं हुई.मुआवजे की राशि की मांग करने पर बाबू द्वारा मुआवजे की राशि देने की एवज में 80 हजार रिश्वत की मांग की जा रही थी.
परेशान होकर पीड़ित ने की रीवा लोकायुक्त से शिकायत
इसके बाद परेशान होकर पीड़ित हरि लाल साह ने रीवा लोकायुक्त को एक शिकायत देकर बताया कि उसके जमीन और घर के मुआवजे की राशि देने के एवज में बाबू रविंद्र घोसी द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है. जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने पूरे साक्ष्य एकत्रित करने के बाद आज रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है.