Kanya Pujan Vidhi: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से ही हो गई है. मां दुर्गा के उपासक प्रतिदिन मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं. नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बहुत महत्व होता है. कन्या पूजन अष्टमी और नवमी के दिन की जाती है. मान्यता है कि कन्या मां दुर्गा की स्वरूप होती हैं. ऐसे में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है. कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को तरह-तरह के पकवान बनाकर इज्जत-सम्मान के साथ भोजन कराया जाता है. लेकिन जो लोग कन्या पूजन के दौरान जानें-अनजाने में कुछ गलतियां कर बैठतें हैं, तो मां दुर्गा हमें आशीर्वाद के जगह श्राप भी दे सकती हैं. आइए जानते हैं कैसे करें कन्या पूजन और वो कौन सी गलतियां हैं, जिसे कन्या पूजन के दौरान नहीं करना चाहिए?
इस विधि से करें कन्या पूजन
कन्या पूजन अष्टमी और नवमी दोनों दिन किया जा सकता है. इस दिन सुबह उठ कर घर को साफ सूथरा कर लें, इसके बाद सन्नान करके पवित्रता के साथ पूड़ी, सब्जी और मीठा भोजन बनाएं. इस दिन कन्याओं को सुबह भोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें आदर-सत्कार के साथ बैठाएं. ध्यान रहे कन्याओं की उम्र दो साल से लेकर दस साल के बीच होनी चाहिए. सामान्यतः कन्या की संख्य नौ होनी चाहिए, वैसे इसे घटाया बढ़ाया भी जा सकता है.
कन्या भोजन
कन्या को बेठाने के बाद उनके पैर परात या किसी बर्तन में अपने हाथों से धूलें और चरण पूजन करते हुए अक्षत, पुष्प, कुंकम चढ़ाएं इसके बाद उनका पूजन करते हुए टीका लगाएं. साथ ही हाथों में रक्षा सूत्र बांधें. अब आप इन्हें चुनरी ओढ़ा कर भोजन कराएं. इसके बाद इन्हें वस्त्र का उपहार या दक्षिणा दें. इसके बाद इन्हें सम्मान के साथ विदा करें. कन्याओं को उनके घर तक पहुंचा कर आवें.
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कन्या पूजन के दौरान न करें ये गलती
(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)