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Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर निकलेगी महाकाल की सांतवीं सवारी, भक्तों के लिए ये रहेगा खास

Ujjain News: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर के धाम में शिखर पर विराजमान शिवलिंग रूप में नागचंद्रेश्वर के द्वार आज रात 12:00 बजे नाग पंचमी के पर्व के चलते 24 घंटे के लिए खोले जाएंगे.   

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Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर निकलेगी महाकाल की सांतवीं सवारी, भक्तों के लिए ये रहेगा खास
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Zee News Desk|Updated: Aug 20, 2023, 11:00 PM IST

Ujjain News In Hindi: 21 अगस्त सोमवार को श्री महाकालेश्वर भगवान की सातवीं सवारी और नागपंचमी पर्व पर श्रद्धालुओं के अधिक संख्या में आने के अनुमान को देखते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.  इसे लेकर कलेक्टर ने महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) का निरीक्षण किया. इसके अलावा समस्त शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियो के लिए अवकाश घोषित किया गया है.

सातवीं सवारी में भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे महाकाल
भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सातवीं सवारी 21 अगस्त 2023 को निकाली जाएगी. बाबा महाकालेश्वर के धाम में शिखर पर विराजमान शिवलिंग रूप में नागचंद्रेश्वर के द्वार आज रात 12:00 बजे नाग पंचमी के पर्व के चलते 24 घंटे के लिए खोले जाएंगे. नाग पंचमी पर्व का इंतजार भक्तों को साल भर रहता है. भक्त बड़े हर्ष उल्लास और उत्साह के साथ नागचंद्रेश्वर के दर्शन को दूर- दूर से बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं. पुजारी महेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, आज 12 बजे भगवान नागचंद्रेश्वर के द्वार खोले जाएंगे.

पुजारी ने बताया कि, प्रथम पूजा है वो पूजा मंदिर को धोकर की जाएगी. फिर भगवान के दर्शन प्रारंभ हो जाएंगे. जिसके बाद सुबह 10 बजे शासकीय पूजा होती है, जिसमें जिला अधिकारी परिवार के साथ पूजन करते हैं. फिर शाम 7 बजे दोबारा पूजन होता है. संध्या आरती होती है और रात 11 से 12 बजे के बीच कपूर आरती करके द्वार साल भर के लिए फिर बंद कर दिए जाएंगे. इसी क्रम के साथ मंदिर में दर्शन 24 घण्टे निरंतर जारी रहेंगे. महेश पुजारी ने कहा कि, यहां जो नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा है उसको नेपाल से लाने की जानकारी भ्रामक है! प्रतिमा यही गढ़ी हुई है. पहले 12 माह मंदिर खुला रहता था. हादसों की संभावना को देखते हुए इसे साल में 1 दिन खोलने का निर्णय पुजारी पुरोहितों द्वारा लिया गया था.

जानिए इतिहास
पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर से जुड़ा ये खण्ड है. भगवान का शिखर और जहां महाकाल स्वयं भू रूप में विराजमान हैं. ये तीन खंडों में बंटा है. पाताल में महाकालेश्वर, ऊपर ओंकारेश्वर और तीसरे दूसरे तल पर नागचंद्रेश्वर व सबसे ऊपर शिखर ध्वज है. मंदिर में दो रूप में नागचंद्रेश्वर विराजमान है. शिवलिंग और साकार रूप में दीवार के ऊपर उकेरी हुई प्रतिमा जिसमें शेष शैय्या के ऊपर भगवान शिव परिवार सहित विराजमान हैं. वर्ष में एक बार दर्शन करने की परंपरा बनाई गई है. भक्त दूध अर्पित कर भगवान को प्रसन्न कर आशीर्वाद लेते हैं. ये उत्सव विशेष कर श्री राम घाट शिप्रा नदी किनारे सीढ़ियों के यहां स्थापित शेष नाग के स्थान पर मनाया जाता था. वहां मेला लगता था लेकिन जैसे जैसे श्री महाकालेश्वर मंदिर की प्रसिद्धि बड़ी तो यहां स्थापित प्रतिमा के दर्शन को जनसैलाब उमड़ने लगा.

पहले 12 महीनों खुला रहता था नागचंद्रेश्वर मंदिर
पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि,  हमारे पिता व पूर्वजों ने बताया कि नागचंद्रेश्वर मंदिर 12 माह खुला रहता था. 24 घण्टे दर्शन होते थे. हर कोई आसानी से ऊपर जाकर दर्शन कर लेता था. लेकिन धीरे- धीरे अव्यवस्थाएं बड़ने लगी. भीड़ के कारण यहां घटनाएं होने की संभावनाएं बनने लगी. इन सभी व्यवस्थाओ को देखते हुए ऊपर के द्वार बंद करने का निर्णय पुजारी पुरोहितों ने उस वक़्त लिया. 1 बार खोलेने का नागपंचमी पर निर्णय लिया जो परंपरागत आज भी जारी है.

 

 

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त 
इस साल नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त को पड़ रहा है. ये त्योहार इस दिन रात 12.20 मिनट पर शुरू होगा और नागपंचमी तिथि का समापन 22 अगस्त 2023 मंगलवार को रात 2.00 बजे होगा. इस दौरान नागपंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5.53 मिनट से सुबह 8.30 बजे तक रहेगा.

रिपोर्टर-राहुल सिंह राठौड़

 

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